झोपड़ी से आलिशान बंगले तक का सफर सिविल सेवक ने किया तय, इनकी कहानी कर देगी आपको भी प्रेरित

आपको बता दें, सोशल मीडिया पर नागालैंड के मुख्यमंत्री के ओएसडी नेलायप्पन ने एक पोस्ट को शेयर किया। जिसमें उन्होंने अपने पुराने और नए घर की दो तस्वीरों को शेयर किया है। इसमें एक घर में वह पहले परिवार के साथ झोपड़ी में रहते थे पर
झोपड़ी से आलिशान बंगले तक का सफर सिविल सेवक ने किया तय, इनकी कहानी कर देगी आपको भी प्रेरित
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कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। मंजिल से डर के कस्ती पार नहीं होती। इस कहावत को सच कर दिखाया है। नागालैंड के मुख्यमंत्री के ओएसडी ने। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से वो मुकाम हासिल कर दिखाया है जो और लोगों को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने ये साबित कर दिखाया है कि अगर कुछ करने का किसी में जजबा हो तो वे इंसान कुछ भी पा सकता है और अपनी जिंदगी को बदल सकता है। सबसे बड़ी बात है कि इन्होंने कोई भी सफलता कि सीढ़ी चढ़ने के लिए किसी शॉर्टकट का सहारा नहीं लिया है ऐसे में उनके पास जो भी सुविधांए, जानकारी है उसे कोई नहीं छिन सकता है। 
आपको बता दें, सोशल मीडिया पर नागालैंड के मुख्यमंत्री के ओएसडी नेलायप्पन ने एक पोस्ट को शेयर किया। जिसमें उन्होंने अपने पुराने और नए घर की दो तस्वीरों को शेयर किया है। इसमें एक घर में वह पहले परिवार के साथ झोपड़ी में रहते थे पर अब बंगले में रहते हैं। उन्होंने दोनों घरों के बारे में बताते हुए लिखते है- "मैं 30 साल की उम्र तक अपने माता-पिता और 4 भाई-बहनों के साथ इस एक कमरे वाले फूस के घर (तब नारियल के पत्तों की छत) में रहता था। मैं शिक्षा, लगन और कड़ी मेहनत से यहां तक पहुंचा हूं"।
इस पोस्ट को 6 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं जबकि कई लोगों ने कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर लिखता है-"आपकी मेहनत और लगन को सलाम हैं सर"। वहीं एक अन्य यूजर लिखता है-"किसी भी संसाधन के अभाव में शिक्षा ही स्वतंत्रता का सच्चा साधन है"। वहीं पुराने घर की मरम्मत के सवाल पर नेलायप्पन कहते है, कि "वे अपने पुराने घर को मजबूत करने और उसका रख-रखाव करने की योजना बना रहे हैं !" जबकि एक अन्य यूजर लिखता है-बधाई हो। बिल्कुल सही। शिक्षा, लगन और कड़ी मेहनत ही कुंजी है। 

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