प्रत्येक भारतीय नागरिक को उनकी जाति, रंग, धर्म आदि के आधार पर बिना भेदभाव किए नागरिकता अधिनियम के तहत वोट डालने का अधिकार है, अपने वोट के सहारे नागरिक अपनी पसंद की सरकार को चुनते है और उन्हें सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने में मदद करते है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में प्रत्येक नागरिक को वोट डालने का अधिकार प्राप्त नहीं है। जी हां, आपको भी शायद ये सुनकर हैरानी हो सकती है लेकिन अब भी ऐसे कुछ नागरिक है जो भारत के नागरिक तो है पर इसके बावजूद वे मतदान नहीं कर सकते है।
ऐसे में आज हम आपको उन नागरिकों के बारे में बताने वाले है जिनके पास भारत की नागरिकता है, फिर भी वे वोट नहीं दे सकते है।
भारत उन कुछ देशों में से एक है जो कैदियों को वोट देने की अनुमति नहीं देता है। इसमें, देश में जितने कैदी हैं चाहे वो दोषी करार दिए गए हों या और विचाराधीन कैदी हो, चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। हालाँकि, जिन लोगों को गुंडा अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) और विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है, वे जेल से ही अपना वोट डाल सकते हैं। उन व्यक्तियों को जेल में एक बैलेट पेपर भेजा जाता है और वह अपना वोट वहीं से डाल सकता है।
मतदाता के रूप में रजिस्टर होने के लिए व्यक्ति को एक विशेष निर्वाचन क्षेत्र का सिटीजन होना जरूरी है और यही कारण है कि एनआरआई वोट नहीं दे सकता है। हालांकि, एनआरआई भारत सरकार के अधीन काम करता है और वर्तमान में विदेशों में तैनात है, तो वह मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकता है। हालांकि, एनआरआई भारत से बाहर होने के कारण मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं लेकिन उसके लिए व्यक्ति को फॉर्म 6ए भरना होगा।
इसके अलावा वे नागरिक जिन्हें कानून भ्रष्ट व्यवहार या चुनाव से संबंधित किसी भी अवैध कार्य के कारण मतदाता बनने के हकदार से वंचित कर दिया जाता है वो चुनाव में वोट नहीं कर सकते हैं।
अगर किसी व्यक्ति को कोर्ट से मानसिक बीमार घोषित कर दिया जाता है, तो उसे वोट डालने का अधिकार नहीं दिया जाता है।