IITian Tathagat Tulsi: 21 साल की उम्र में  PhD, 22 साल की उम्र में IIT प्रोफेसर और अब निकाले गए नौकरी से, पर क्यों!

IITian Tathagat Tulsi: 21 साल की उम्र में PhD, 22 साल की उम्र में IIT प्रोफेसर और अब निकाले गए नौकरी से, पर क्यों!

एमएससी पूरी करने के बाद, तथागत अवतार तुलसी भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर चले गए और 2009 में 21 साल की उम्र में अपनी पीएचडी पूरी की। जुलाई 2010 में आईआईटी-मुंबई में उनको अनुबंध पर सहायक प्रोफेसर के पद पर रोजगार मिल गया। इस समय इनकी उम्र 22 साल थी।
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आपके सामने भी कुछ ऐसी कहनी आ जाती होगी, जिसे जानने के बाद आपको काफी हैरानी होती होगी। आज हम भी आपको एक ऐसी सच्ची कहानी बताने वाले है, जिसे जानने के बाद आपको आसानी से विश्वास नहीं होगा। हां क्या आप सोच सकते है कि 21 साल की उम्र में  PhD, 22 साल की उम्र में IIT प्रोफेसर बन गए और अब खबर आ रही है कि उनको नौकरी से निकल दिया गया है। बिहार के तथागत अवतार तुलसी की कहानी कुछ ऐसी है कि किसी को जल्दी से विश्वास नहीं हो रहा है। 
22 साल की उम्र में बने सहायक प्रोफेसर
तथागत अवतार तुलसी का जन्म बिहार की राजधानी पटना में हुआ है। उनका नाम दुनिया के सबसे बड़े रिकार्ड्स में शामिल है। तुलसी ने महज 9 साल की उम्र में स्कूली शिक्षा पूरी की, 11 साल की उम्र में बीएससी की डिग्री हासिल की और 12 साल की उम्र में पटना साइंस कॉलेज से एमएससी पूरी की। 
एमएससी पूरी करने के बाद, तथागत अवतार तुलसी भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर चले गए और 2009 में 21 साल की उम्र में अपनी पीएचडी पूरी की। जुलाई 2010 में आईआईटी-मुंबई में उनको अनुबंध पर सहायक प्रोफेसर के पद पर रोजगार मिल गया। इस समय इनकी उम्र 22 साल थी। 
इस कारण चली गई नौकरी 
आपमें से बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि उन्होंने सबसे छोटी पीएचडी थीसिस लिखने का भी रिकॉर्ड बनाया था, जो केवल 33 पेज लंबी थी। अब एक तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कि उनको नौकरी से निकल दिया गया है। ऐसा इसलिए कि आईआईटी मुंबई में रहते हुए उनके सेहत पर असर पड़ा और वो बीमार रहने लगे। 
वो बीमार रहने के दैरान चार साल तक छुट्टी पर रहे और जब उन्होंने पांचवें साल भी छुट्टी के लिए आवदेन किया तो उनको छुट्टी नहीं मिली।  इसके बाद, तुलसी ने संस्थान के निदेशक को एक आवेदन देकर आईआईटी दिल्ली में स्थानांतरित होने का अनुरोध किया ताकि वह वहां पढ़ाने के अलावा शोध भी कर सकें। हालांकि, प्रबंधन ने एक्ट का हवाला देते हुए तबादले को खारिज कर दिया और बाद में उन्हें नौकरी से निकाल दिया।
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