दुनियाभर में मनाया जा रहा International Men’s Day, जानें कहां से आया ये दिन, क्या है इसका महत्व?

International Men's Day
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International Men's Day: 19 नवंबर को पूरे विश्व में इंटरनेशनल मेन्‍स डे मनाया जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य लैंगिक समानता, पुरुष रोल मॉडल को उजागर करना और समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्‍चों की देखभाल और पर्यावरण आदि में पुरुषों के योगदान को महसूस करने का है। आइए जानते है कि इंटरनेशनल मेन्‍स डे का महत्व क्या है? कहां से आया?

  • आज विश्वभर में मनाया जा रहा 'इंटरनेशनल मेन्‍स डे'
  • 19 नवंबर 1999 को हुई थी इस दिन की शुरुआत
  • पुरुषों के लिए बनी रुढ़ियों को तोड़ने का है ये दिन
  • 2023 की थीम है 'जीरो मेल सुसाइड'

इंटरनेशनल मेन्‍स डे का महत्व

इंटरनेशनल मेन्‍स डे का दिन पुरुषों के संघर्षों के बारे में समाज को बताने से है, जो वह दबाव में सालों से सहते आ रहे हैं। उन्हीं के काम, त्‍याग, समर्पण और मार्गदर्शन आदि के लिए थैंक्स कहने का ये दिन है।

ये दिन उनके दबाव को कम करने के लिए है जो समाज द्वारा उनपर लगातार डाला जाता है। क्योंकि समाज उनसे उम्मीद करता है कि वो मजबूत हो और मदद न मांगें, ये दिन उन्हीं रुढ़ियों को तोड़ने का है साथ ही ये दिन लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देता है।

1999 में हुई थी शुरुआत

International Men's Day की शुरुआत 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में हुई थी। जहां वेस्ट इंडीज यूनिवर्सिटी के इतिहास के प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलक सिंह ने अपने पिता का जन्‍मदिन सेलिब्रेट किया था।

19 नवंबर की तारिख को तिलक सिंह ने पुरुषों के मुद्दों को उठाने के लिए लोगों को प्रेरित किया था। इसके बाद से ही 90 से ज्यादा देशों में ये दिन मनाया जाता है। वहीं भारत के बारे में बातए तो 19 नवंबर 2007 में पहली बार इंटरनेशनल मेन्‍स डे मनाया गया था।

'जीरो मेल सुसाइड' थीम

इंटरनेशनल मेन्‍स डे की प्रत्येक वर्ष एक थीम होती है। इस बार की थीम 'जीरो मेल सुसाइड' को रखा गया है यानी दुनियाभर में पुरुषों के सुसाइड रेट को कम करना और उन्हें अपनी जिंदगी खत्म करने से रोकना है। मालूम हो, पिछले साल इसकी थीम 'पुरुषों और लड़कों' की मदद का था।

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