किसी भी जीव को मारना पाप है, लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि उन्हें मारना ही पड़ता है। जैसे मच्छर…गर्मियों के दिनों में मच्छर हर किसी के लिए मुसीबत बन जाते हैं। इनसे डेंगू-मलेरिया फैलता है और फिर लोगों की सेहत पर सवाल खड़ा हो जाता है। लोग सरकार और नगर निगम को कोसते रहते हैं कि मच्छरों को मारने की कोशिश नहीं की गई।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक देश है जहां मच्छर मारना पाप है? यहां तक कि अधिकारी भी दवा को छिड़कने आते है तो लोग उनका जीना हराम कर देते है। उन्हें दूर करने लगते हैं। यहां कुछ महीनों पहले मलेरिया बहुत फैला था लेकिन लोगों ने मछरों को फिर भी नहीं मारा और न मारने दिया बल्कि उन्हें बचाया।
जी हां, आज हम बात कर रहे है भूटान देश की। भूटान बौद्ध धर्म मानता है, इसलिए वहां किसी भी जीव को मारना पाप समझा जाता है। फिर चाहे वह बीमारी फैलाने वाला कीटाणु हो या कुछ और जीव। ऐसे में मलेरिया से बचने के लिए दवाएं छिड़कने वाले अधिकारियों को आज भी कई चुनौतीओं का सामना करना पड़ता है। जब सरकारी कर्मचारी दवा छिड़कने जाते हैं तो लोग हंगामा करने लगते है। कुछ साल पहले तो दवा घरों में जबरदस्ती घुस कर छिड़की जाती थी। मछरों में भी जान होती है, मच्छर को मारा नहीं जा सकता ऐसा वहां के लोगों का कहना है। लेकिन अब हालातों में समय के साथ सुधार आ रहा है। लोगों को समझ आने लगा है कि कहीं न कहीं ये सब उनकी भलाई के लिए है।
अब बात करते है ऐसे देश के बारें में जहां एक भी मच्छर मौजूद नहीं है। आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित एक देश है जहां आपको एक भी मच्छर नहीं दिखाई देगा। असल में, यहां रेंगने वाले जीव जैसे कि सांप आदि भी नहीं देखने को मिलते है। यहां मकड़ियों की कुछ प्रजाति पाई जाती है लेकिन वो इंसानों के लिए इतनी ख़ौफनाक नहीं होती है। अंटार्कटिका एक और जगह है जहां मच्छर नहीं मिलते। अंटार्कटिका में मच्छर नहीं होते उसके पीछे का कारण है कि वहां इलाके में ठंड बहुत होती है। आइसलैंड में -38 डिग्री सेल्सियस का तापमान भी हो सकता है।