दिल्ली सरकार पहली बार दिल्ली में क्लाउड सीडिंग कराने की तैयारी में है।
बढ़ते पॉल्यूशन से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग कराने का फैसला लिया गया है।
आइए जानते है कि भारत में कब से क्लाउड सीडिंग हो रही है है।
1945 में पहली बार आर्टिफिशियल बारि को विकसित किया गया था। आज लगभग दुनिया के 50 देश इस तकनीक का यूज कर रहे हैं।
भारत में पहली बार 1951 में क्लाउड सीडिंग का इस्तेमाल किया गया था। तब वेस्टर्न घाट में कई जगह इस तरह की बारिश कराई थी।
इसके बाद साल 1973 में आंध्र प्रदेश में सूखे से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश कराई। इसके बाद भी कुछ प्रयोग हुए।
1983 में तमिलनाडु और 2003-04 में कर्नाटक में आर्टिफिशल बारिश कराई गई।
वहीं, चीन की बात करें तो उसने साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक के दौरान बारिश खेल न बिगाड़ दे, इसलिए वेदर मोडिफिकेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर पहले ही बारिश करवा दी थी।
इसके अलावा थाईलैंड भी 2037 तक सूखाग्रस्त इलाकों को हराभरा बनाने के लिए कृत्रिम बारिश का सहारा ले रहा है।