पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामना आया है। जहां एक शख्स के अंतिम संस्कार में उस समय हड़कंप मच गया जब जलती चिता से 500 के नोट उड़ने लगे। इस मंजर को देख सभी लोग चौंक गए और जलती अर्थी की तरफ उसे बुझाने के लिए भागे।
ये पूरा मामला भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बशीरहाट के घोजाडांगा इलाका है। जहां रहने वाले निमाई सरदार का पिछले रविवार को निधन हो गया। वह वैन चलाते थे। उनकी कोई संतान नहीं थी। इसलिए उनके अंतिम संस्कार के लिए भतीजे पंचानन सरदार को बुलाया गया था।
वहीं, मृत निमाई के शव को श्मशान ले जाकर भतीजे ने मुखाग्नि दी। दाह संस्कार के दौरान मृतक के ताबूत और तकिये को चिता पर रखा जाता है। जब गद्दा और तकिया आग में जल गया तो परिवार के लोगों को 500 रुपये के कई नोट दिखे।
तभी लोगों को तकिये के भीतर एक बैग नजर आता है। बैग को तुरंत आग से बचा लिया गया। बैग खोलने पर उसमें से 500 रुपए के नोटों की गड्डी निकलती है। अब इन पैसों को किसी भी बैंक में जाकर बदला नहीं जा सकता था। बाद में मृतक निमाई के भतीजे पंचानन को हाबरा में एक व्यक्ति मिला। यह जानने के बाद कि उस व्यक्ति ने जले हुए पैसे बदल दिए हैं, पंचानन अपने चाचा के पैसे लेकर हाबरा आ गया।
वहीं, भतीजे पंचानन सरदार ने बताया कि तकिये के अंदर एक छोटा सा बैग था। जिसमें चाचा ने पैसे छुपाकर रखे थे। बैग में 500-500 रुपये की गड्डी भरी पड़ी थी। इनमें से 16,000 की नोट कुछ जल गई थी। जिसमें से इन जले नोटों को बदलकर उन्हें 7 हजार 150 रुपये मिल गए।
दरअसल, निमाई अपनी कमाई के सारे पैसे तकिये और अपने गद्दे में छुपाकर रखता था। दाह संस्कार के दौरान मृतक के तकिये और गद्दे को चिता पर रखा गया था। जब गद्दा और तकिया आग में जलने लगा तो उसमें भरे नोट आग के धुएं में उड़ने लगे। यह नजारा देख सभी हैरान रह गए। लोगों ने आनन-फानन में चिता की आग बुझाई और तकिये-गद्दे से नोटों को जलने से बचा लिया।