फिनलैंड साल 2023 से हर साल 15,000 इंटरनेशनल स्टूडेंट्स और लगभग 30,000 वर्क बेस्ड माइग्रेंट को बुलाना चाहता है।
फिनलैंड का ये कदम उठाने का कारण उसका बुढ़ा होना है। दरअसल, इस देश में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के मुकाबले युवाओं की संख्या कम है।
हेलसिंकी के इमिग्रेशन अफेयर के डायरेक्टर ग्लेन गैसेन का कहना है
" फिनिश समाज के बूढ़े होने की वजह से लेबर मार्केट में शामिल होने के लिए युवाओं की जरुरत है"।
फिनलैंड ने इंडियन स्टूडेंट्स और अन्य क्षेत्र के लोगों के साथ प्रोफेशन तौर पर काम किया है, जिसकी वजह से उनके पास अच्छे एक्सपीरियंस हैं।
बता दें, IT और डेटा, प्राइमरी एजुकेशन और एडमिनिसेट्रल सपोर्ट में फिनलैंड को युवाओ की जरुरत है।
और इंडिया में युवा ज्यादा हैं और उन सभी के पास भरपुर टैलेंड भी है।