आपने अपने माता-पिता, भाई-बहन या फिर अपने किसी रिश्तेदार के बाजू में एक निशान देखा होगा, जिसे देखकर आप हमेशा सोचते होंगे कि ये निशान आखिर बड़े लोगों के बाजू में कहां से आये हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये निशान सिर्फ आपके रिश्तेदारों के बाजू में ही नहीं बल्कि दुनिया की आधी आबादी के बना हुआ है। शायद ये निशान आपकी बाजू पर भी बना हो सकता है। ऐसे में आप अक्सर सोचते होंगे कि इस निशान का मतलब क्या है ? लेकिन आज हम आपकी इस उलझन को भी दूर कर देंगे।
शायद हो सकता है कि आपमें कुछ लोग जानते हो कि ये निशान आपकी बॉडी पर कैसे आया है लेकिन नहीं पता तो बता दें कि ये निशान इस बात का सबूत है कि इंसान ने खुद को ट्यूबरक्युलोसिस यानी टीबी जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए इम्यून किया हुआ है। यानी एक इंजेक्शन जो इंसान को टीबी से बचाता है, उसे लगवाने की वजह से ये निशान बॉडी पर बनता है।
दरअसल, इस वैक्सीन की वजह से लोग टीबी से इम्यून हो जाते है। लेकिन इस वैक्सीन में थोड़ा से वायरस मौजूद होता है। वैक्सीन के साथ बॉडी के अंदर जाने पर ये शरीर को वायरस से लड़ना सिखाता है। हालांकि इस वैक्सीन का एक साइड इफ़ेक्ट होता है। जैसे ही ये इंजेक्शन बॉडी में लगता है, वैसे ही ये बॉडी में एक अल्सर बनाता है, जो बाद में जिंदगीभर के लिए ये दाग दे जाता है। इस छोटे से दाग ने दुनिया के लाखों लोगों की जान बचाई है।
बता दें, 1950 के दौर में दुनिया में टीबी ने आतंक मचा रखा था। उस समय इसका कोई भी इलाज नहीं था, जिसके चलते इस बीमारी ने कई लोगों की जान ले ली थी। लेकिन जल्द ही इस बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन बना लिया गया और अब इसी इंजेक्शन की वजह से लोगों की बॉडी पर ये निशान रह गया।