लोकेश मंगल का दावा है कि पुस्तक की तैयारी प्रक्रिया में एक वर्ष और नौ महीने लगे और इसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, शीर्ष संवैधानिक विद्वानों, पत्रकारों और वकीलों ने सहायता की। इसके अतिरिक्त, देश भर के 200 शहरों से धन एकत्र किया गया। प्रत्येक व्यक्ति ने एकमुश्त रुपये का दान दिया। यह दावा किया जाता है कि यह 4 फीट ऊंची पीतल की किताब 193 विभिन्न देशों के संविधानों को संरक्षित करने का एक प्रयास है, जिसमें केवल छवियां प्रत्येक संविधान के आवश्यक सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करती हैं।