क्या है kerala में दहशत मचाने वाला Nipah Virus? जिससे हुई 2 लोगों की हुई मौत! जानिए इसके लक्षण और बचाव

निपाह वायरस एक खतरनाक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है और ये ही वजह है कि इसे जूनोटिक वायरस भी कहा जाता है। यह वायरस फ्रूट बेट्स से फैलता है, जिसे उड़ने वाली लोमड़ी के नाम से भी जाता है।
क्या है kerala में दहशत मचाने वाला Nipah Virus? जिससे हुई 2 लोगों की हुई मौत! जानिए इसके लक्षण और बचाव
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केरल के कोझिकोड जिले में हुई दो लोगों की अप्राकृतिक मौत ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया हैं। क्योंकि इन अप्राकृतिक मौत के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग ने जिले में Nipah Virus से संबंधित अलर्ट जारी कर दिया है। अलर्ट जारी करने का कारण निपाह वायरस की वापसी है। बता दें, कोझिकोड जिले में 2018 और 2021 में भी निपाह वायरस से मौत दर्ज की गई थीं। उस वक्त इस वायरस की वजह से 17 लोगों की जान गई थी। अब इस खतरनाक वायरस की वापसी ने डर का माहौल पैदा कर दिया है। ऐसे में जान लीजिए की निपाह वायरस क्या है? इसके लक्षण क्या है? और इससे बचाव क्या है? 
क्या है निपाह वायरस ?
बता दें, निपाह वायरस एक खतरनाक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है और ये ही वजह है कि इसे जूनोटिक वायरस भी कहा जाता है। यह वायरस फ्रूट बेट्स से फैलता है, जिसे उड़ने वाली लोमड़ी के नाम से भी जाता है। मालूम  हो, चमगादड़ के अलावा यह वायरस सूअर, बकरी, घोड़े, कुत्ते या बिल्लियों जैसे अन्य जानवरों के जरिए भी फैल सकता है। यह वायरस आमतौर पर किसी संक्रमित जानवर के bodily fluids जैसे खूल, मल, पेशाब या लार के संपर्क में आने से फैलता है।
निपाह वायरस के लक्षण
इस वायरस के संपर्क में आने के 4 से 14 दिनों के अंदर व्यक्ति में लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं। बता दें, निपाह वायरस के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, खांसी और खराब गला, दस्त, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और बहुत ज्यादा कमजोरी हो सकती है। वहीं गंभीर मामलों में, यह वायरस दिमाग में संक्रमण की वजह बन सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। इसके गंभीर मामलों कन्फ्यूजन, बोलने में परेशानी, दौरे पड़ना, बेहोशी छाना और रेस्पिरेटरी संबंधी दिक्कत हो सकती है। 
निपाह वायरस का इलाज
मालूम हो, निपाह वायरस के इलाज के लिए कोई वैक्सीन या दवा मौजूद नहीं है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रख इसके लक्षणों का असर कम किया जाता है, जिसमें बहुत सारा पानी पीना, भरपूर आराम करना, एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन लेना, मतली या उल्टी के लिए दवाओं खाना, सांस लेने में कठिनाई होने पर इन्हेलर या नेब्युलाइज़र का इस्तेमाल और दौरे पड़ने पर एंटीसीजर दवाएं लेना शामिल है। 
निपाह वायरस से बचाव
सबसे जरूरी है वायरस से बचाव करना, ऐसे में जब आप ऐसी जगह जा रहे है जहां निपाह वायरस फैला हुआ है तो कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इससे बचाव कर सकते है। जैसे-साबुन और पानी से अपने हाथों को बार-बार धोना, बीमार सूअरों या चमगादड़ों के संपर्क में आने से बचना, ऐसे पेड़ों या झाड़ियों के पास जाने से बचना, जहां चमगादड़ आराम करने या सोने जाते हैं, उन चीजों खाने या पीने से परहेज करना, जो दूषित हो सकती हैं। वहीं, चमगादड़ के काटने वाले किसी भी फ्रूट या जमीन पर गिरे हुए फल को फेंक देना। सबसे जरूरी वायरस से पीड़ित व्यक्ति के लार, खून या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क से बचें। वहीं निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करते समय पीपीई का इस्तेमाल करें।
हम सलाह देते हैं कि वायरस के लक्षण देखते ही आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

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