क्या है लोहे से बने इस ग्रह का राज, पृथ्वी से छोटा पर रहस्य गहरे, हिला दिया वैज्ञानिको का दिमाग

क्या है लोहे से बने इस ग्रह का राज, पृथ्वी से छोटा पर रहस्य गहरे, हिला दिया वैज्ञानिको का दिमाग
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विज्ञान में भले ही कितनी तरक्की कर ली है लेकिन आज तक प्रकृति और ब्रह्मांड की संरचना को कोई भी नहीं समझ पाया है। लगातार वैज्ञानिक इससे जुड़े खोज करते रहते हैं और हाल ही में एक और ऐसे ग्रह का पता चला है जो की पूरी तरीके से लोहे का बना हुआ है इस ग्रह का आकार पृथ्वी के बराबर है और इसे 360 बना दिया गया है और यह एक अल्ट्राशॉर्ट पीरियड ग्रह है। आपको बता दे साइन ने आज कितनी तरक्की कर ली हो लेकिन हर बात का पता लगाना आज भी विज्ञान की बस की बात नहीं है।

खबर में आगे हम आपको कुछ बताएं इससे पहले आपको जानना जरूरी है कि अल्ट्राशॉर्ट पीरियड ग्रह का क्या मतलब होता है। बता दे की अल्ट्राशॉर्ट पीरियड ग्रह का मतलब होता है कि जो अपने सूरज यानि चारों तरफ सिर्फ 7.7 घंटे में एक चक्कर लगाता हो। इस दावे के साथ वैज्ञानिकों ने अभी तक 5000 से ज्यादा एक्सोप्लैनेट खोज हैं जिसमें 200 अल्ट्राशॉर्ट पीरियड ग्रह है, लेकिन ग्लीज 367बी सिर्फ इस लिए अनोखा नहीं है कि वो लोह का ग्रह है बल्कि उसका घनत्व धरती से 2 गुना ज्यादा हैं।

वैज्ञानिकों ने दावा करते हुए कहा किस ग्रह के अंदर सिर्फ आयरन ही आयरन यानी कि पूरा लोहा भरा हुआ है माना जाता है कि इसके अंदर शुद्धता लोहा है इसे तहाय के नाम से भी जाना जा रहा है। इसे खोजने के लिए टेस यानी काउंसलिंग एक्सोप्लैनेट सर्विस सेटेलाइट की मदद ली गई थी सबसे इसकी स्टडी चल रही है और नई स्टडी के मुताबिक यह एक्स्ट्रा फिजिकल जनरल लेटेस्ट रिपोर्ट में प्रकाशित हुई है।

वैज्ञानिकों ने इस ग्रह के बारे में पता लगाने के लिए रेडियल वेलोसिटी प्लैनेट सर्चर स्पेक्ट्रोग्राफ की मदद ली थी। तब पता चला कि ग्लीज धरती के आकार का 72 फीसदी है। यानी थोड़ी ही छोटा है। वजन धरती के वजन से 55 फिसदी है। लेकिन इसका घनत्व 2 गुना अधिक है। और ये सही है तो इस ग्रह के नीचे लेयर्स कम है। साथ ही ये भी बताया गया कि इस ग्रह की कोई बाहरी परत ही नहीं है।

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