कौन-सी कंपनी का था भारत का सबसे पहला मोबाइल? चार्ज होने में लगता घंटों का समय, कीमत जान उड़ जाएंगे आपके होश

कौन-सी कंपनी का था भारत का सबसे पहला मोबाइल? चार्ज होने में लगता घंटों का समय, कीमत जान उड़ जाएंगे आपके होश
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सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोग मनोरंजन के लिए करते हैं। हालाँकि, आधुनिक युग में इसका यूज़ नॉलेज को आगे बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। सोशल मीडिया के जरिए लोग बहुत सी ऐसी जानकारी सीख रहे हैं जो उन्हें पहले नहीं पता थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग तरह-तरह के सवाल पोस्ट करते हैं। इसमें इस तरह के कई सवाल हैं जिनके अक्सर लोग गलत जवाब जानते हैं।

क्या आप जानते है इसका जवाब?

ऐसा ही एक सवाल सोशल मीडिया साइट पर एक शख्स ने पूछा था कि, "भारत में सबसे पहले किस कंपनी का मोबाइल फोन आया था।" इस सवाल को सुनने के बाद अधिकतर लोगों ने सोचा कि इसका सही जवाब नोकिया या सैमसंग होगा। हालाँकि, हम आपको बता दें कि अगर आपने सोचा कि उत्तर इन दोनों कंपनियों में से कोई एक है तो आप गलत हैं। मोटोरोला असल में इस सवाल का सही जवाब है।

इस कंपनी का फ़ोन आया सबसे पहले

मोटोरोला ने भारत में पहला मोबाइल बनाया। Motorola DYNTAC 8000X मॉडल था। यह फोन 1983 में अमेरिका में लॉन्च हुआ था। 1995 में, ये भारत में आया। इस बड़े फोन को फुल चार्ज करने में दस घंटे का समय लगा करता था। दस घंटे की चार्जिंग के बाद आप इससे 30 मिनट तक बातचीत कर सकते थे। मोटोरोला के बाद सैमसंग और नोकिया ने बाजार में आना शुरू किया।

वजन एक ईंट के बराबर

वायरलेस फ़ोन की सीरीज में यह पहला फ़ोन आया था। इसका वजन करीब 790 ग्राम था। इससे पता चलता है कि फोन वजन में एक ईंट जितना भारी था। ऐसे में इस मोबाइल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना बहुत ही ज्यादा कठिन था। यह समस्या धीरे-धीरे ठीक हो गई, हल्के फ़ोन के सेट का बनना शुरू हो गया। इसके साथ ही फोन का चार्जिंग टाइम भी कम होने लगी। फ़ोन अब तुरंत चार्ज होने लगते हैं। कीमत की बात करें तो इस फोन की कीमत तीन लाख से भी ज्यादा है। इससे पता चलता है कि इसकी कीमत आईफोन से भी ज्यादा थी।

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