ट्रेन में आप सभी ने एक न एक बार तो सफर किया ही होगा। फिर चाहे आपने जनरल, स्लीपर या एसी कोच में ट्रैवल किया हो। आप अगर जनरल कोच में कभी जाएं तो देखेंगे की वहां निम्न वर्ग के लोग ज्यादा मिलते है, और वहां काफी भीड़ भी रहती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जनरल डिब्बे हमेशा ट्रेन के आखिर या फिर शुरू में ही क्यों होते है? आपको नहीं पता तो आज जान लीजिए।
एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आम लोगों ने जनरल कोच को अंत या शुरूआत में लगाने के कारणों का जवाब दिया है। एक शख्स बताता है, "जनरल डिब्बों में सबसे अधिक भीड़ रहती है और लोगों की आवाजाही भी अधिक होती है इसलिये ये डिब्बे शुरु में और आखिर में लगाए जाते हैं ताकि प्लेटफार्म के बीच में लोगों की भीड़ ना हो। यदि ऐसा होगा तो दूसरे डिब्बों के यात्रियों को ज्यादा तकलीफ होगी और उनके डिब्बे भी आपस में जुड़े नहीं रह सकेंगे"।
वहीं, एक अन्य शख्स ने प्लेटफॉर्म पर लिखा, "ट्रेन में जनरल डिब्बों मे यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या स्लीपर कोच और एसी कोच वाले यात्रियों की संख्या से ज्यादा होता है और जनरल कोच का किराया और कोच से कम होता है। हाई क्लास यात्री को अपने कोच तक पहुंचने में दिक्कत नहीं हो, अचानक भीड़ ना हो, इसलिए जनरल डिब्बों को इंजन के साइड आगे और गार्ड बोगी के तरफ़ लगाया जाता है।
जिससे की यात्री समान रूप से वितरित हो जाए, और उच्च क्लास यात्री को ज्यादा दिक्कत ना हो, क्योंकि उच्च क्लास यात्री सामान्य से ज्यादा किराया देते हैं। लगभग सभी स्टेशन पर एग्जिट गेट प्लेटफार्म के बीचों बीच होता है, इसलिए भी उच्च श्रेणी के कोच बीच में लगाए जाते हैं ताकि हाई क्लास वाले यात्रियों को परेशानी न हो"।
अब शायद आप जान गए होंगे की जनरल कोच हमेशा ट्रेन के आखिर या शुरू में ही क्यों होते है। लेकिन देखने वाली बात है कि जनरल कोच में भीड़ जरूर होती है लेकिन उन लोगों की कहानियां आपको जरूर पसंद आएगी।