गुलजार जी की दिल छू लेने वाली शायरियां

Khushi Srivastava

हम समझदार भी इतने हैं के उनका झूठ पकड़ लेते हैं और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी यकीन कर लेते है

दौलत नहीं शोहरत नहीं, न वाह चाहिए  “कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है, कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता

जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है, मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है

सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की, मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,  कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया

दर्द हल्का है साँस भारी है, जिए जाने की रस्म जारी है

यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता, कोई एहसास तो दरिया की अना का होता

आप के बाद हर घड़ी हम ने, आप के साथ ही गुज़ारी है

तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ, तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ 

ये हैं दुनिया की सबसे ठंडी जगहें

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