कभी सोचा है कि सिर्फ दो रंग के ही क्यों होते हैं चार्जर?

Simran Sachdeva

स्मार्टफोन तो आजकल हर किसी के जीवन का हिस्सा बन चुका है

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Source: Pexels

वहीं, फोन की चार्जिंग खत्म होने के बाद चार्जर का उपयोग किया जाता है. स्मार्टफोन के चार्जर ब्लैक और व्हाइट कलर के ही होते हैं

ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ दो रंग में ही चार्जर क्यों उपलब्ध होते हैं

ब्लैक रंग की इमिशन वेल्यू 1 है, जिसका मतलब है कि ये गर्मी को अपनी सतह पर ज्यादा अच्छे से रख सकता है जो इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए जरूरी होता है

वहीं काले रंग के मैटेरियल का उत्पादन भी सस्ता होता है. साथ ही इसकी पेंटिंग और कोटिंग सस्ती होती है

सफेद रंग के चार्जर की बात की जाए तो इसमें लो रिफ्लेक्ट कैपेसिटी होती है जिससे ये बाहरी गर्मी को अवशोषित नहीं करता है

यानी बाहर से आने वाली गर्मी को बाहर ही रखता है जिससे चार्जर का तापमान नियंत्रित रहता है

यहीं वजह है कि लीड किसी भी रंग की हो, लेकिन एडॉप्टर हमेशा ब्लैक या व्हाइट रंग का ही मिलता है

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