जानें कितने प्रकार की होती है कांवड़ यात्रा
Aastha Paswan
श्रावण मास में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व बताया गया है.
श्रावण मास की शुरुआत 22 जुलाई से शुरू होने जा रही है.
बड़ी संख्या में भक्त सावन में कांवड़ यात्रा भी निकालते हैं.
सामान्य कांवड़ में भक्त - आराम से चलते हैं, कांवड़ जमीन पर नहीं रखते.
डाक कांवड़ रास्ते में नहीं रुकती, इनके लिए मंदिरों में व्यवस्था होती है.
खड़ी कांवड़ में लोग हमेशा खड़े रहते हैं, एक थक जाता है तो दूसरा संभालता है.
दांडी कांवड़ सबसे कठिन होती है, इसमें हर व्यक्ति हिस्सा नहीं लेता.
श्रद्धालु गंगाजल नदी से लेकर मंदिर तक दंड लगाते हुए लेकर पहुंचते हैं.