500 साल पुराना है गुजिया का इतिहास!

Ritika Jangid

गुजिया देश की सबसे मशहूर और पारंपरिक मिठाई है, इसमें खोया और ड्राई फ्रूट्स भरे जाते हैं लेकिन क्या आप जानते है कि इसे सबसे पहले कहां बनाया गया था

इतिहास के अनुसार, इसे सबसे पहले 13वीं सदी में बनाया गया था, ऐसा माना जाता है कि गुजिया समोसे का ही एक मीठा रूप है और यह अरब देशों से भारत तक पहुंची है

कहा जाता है कि गुजिया का आइडिया तुर्किये की देन है, तुर्किये में बनाया जाने वाला मशहूर बकलावा, गुजिया की तरह की ही डिश है

इसे भी आटे से तैयार की गई परत में ड्राई फ्रूट्स को भरकर तैयार किया जाता है और स्वीटनर के रूप में मसालेदार शहद का इस्तेमाल किया जाता है

उस दौर में अरब देशों से भारत आए मुस्लिम व्यापारी और मुगल कई तरह के व्यंजन भारत लेकर आए थे, जिसमें से एक बकलावा भी था, भारत में आने के बाद इसमें थोड़े बहुत बदलाव हुए और इसने गुजिया का रूप ले लिया

भारत में गुजिया बुंदेलखंड की देन मानी जाती है, होली पर इसे यहां मैदे की परत में खोया भरकर बनाया जाता है, यहां से गुजिया की रेसिपी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान तक पहुंची

वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक राधा रमण मंदिर जो 1542 में बना था, यहां आज भी गुजिया और चंद्रकला पकवान का हिस्सा है, इससे पता चलता है कि यह कम से कम 500 साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है

भारत में गुजिया को कई नामों से जाना जाता है, बिहार में गुजिया को पेड़किया कहते हैं, तो महाराष्ट्र में करंजी और गुजरात में घुघरा कहा जाता है

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