रतन टाटा हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके विचार सदैव हमारे साथ रहेंगे। ऐसे में आइए उनसे जुड़ी कुछ बातें जानते हैं
रतन टाटा को शराब पीना और धूम्रपान करना बिल्कुल पंसद नही था। कहा जाता है कि उन्हें शादी के लिए तीन बार प्रस्ताव मिला था लेकिन उन्होंने शादी नहीं की
रतन टाटा के दो भाई जिमी और नोएल हैं। उनकी सौतेली मां सिमोन टाटा भी जीवित हैं
रतन टाटा ने दक्षिण मुंबई में कैंपियन स्कूल और कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल और शिमला में बिशप कॉटन सहित तीन प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई की थी
पढ़ाई करते समय संगीत उस्ताद जुबिन मेहता और बिजनेस मैग्नेट अशोक बिड़ला और राहुल बजाज, ड्यूक के मालिक दिनशॉ पंडोले जैसे कई बड़े नाम रतन टाटा के क्लासमेट भी रहे हैं
रतन टाटा नेतृत्व में ही टाटा समूह का राजस्व 1991 में 4 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2012 तक 100 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंच गया था
रतन टाटा ने टाटा समूह को बुलंदियों तक पहुंचा दिया है। बता दें कि अब वह ऑटोमोबाइल सेक्टर का एक लीडिंग प्लेटर बन चुका है
रतन टाटा साल 1962 में टाटा इंडस्ट्रीज में एक सहायक के रूप में शामिल हुए थे। वह 29 सालों के बाद टाटा संस के अध्यक्ष बनने के लिए शीर्ष पर पहुंचे
भारत सरकार ने 2008 में उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। रतन टाटा 2012 में टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर रिटायर हुए थे
रतन टाटा ने 2010 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एक कार्यकारी केंद्र को बनाने के लिए 50 मिलियन डॉलर दिए थे। उस हॉल का नाम टाटा हॉल रखा गया
1937 में जन्मे रतन टाटा के माता-पिता 1948 में अलग हो गए थे। इसके बाद उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने ही उनका पालन-पोषण किया था