हमारे आस पास ऐसे कई लोग है, जिनकी सुबह कॉफी के बिना नहीं होती है, कहा जाए तो 1 अक्टूबर उन्हीं का दिन है, क्योंकि आज दुनिया भर में 'इंटरनेशनल कॉफी डे' मनाया जा रहा है
लेकिन 'इंटरनेशनल कॉफी डे हर साल उन सभी लोगों के आदर और सम्मान के लिए मनाया जाता है, जो कॉफी के व्यवसाय से जुड़े हैं
वहीं, इस दिन को सेलिब्रेट करने का एक और रीजन है, वो है कॉफी के व्यापार को बढ़ावा देना। आइए जानते हैं कि इसकी शुरूआत कैसे हुई
बता दें कि इंटरनेशनल कॉफी ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना साल 1963 में लंदन में हुई थी
इसके बाद इंटरनेशनल कॉफी ऑर्गेनाइजेशन ने साल 2015 में इटली के मिलान में पहला विश्व कॉफी दिवस आयोजित किया था। और तब से 1 अक्टूबर को कॉफी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा
वहीं, कॉफी उत्पादन में भारत के स्थान की बात करें तो वह 6वां है। और कॉफी के टेस्ट के मामले में भारतीय कॉफी विश्वभर की सबसे अच्छी गुणवत्ता की कॉफी मानी जाती है
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 17वीं शताब्दी की शुरुआत में ईस्ट इंडिया कंपनी और डच ईस्ट इंडिया कंपनी कॉफी की सबसे खरीदार बन गई थीं
माना ये भी जाता है कि मुस्लिम संत बाबा बुदान हज की यात्रा से लौटते वक्त यमन के 7 बीज अपनी कमर में बांधकर भारत लाए थे। उस समय भारतीयों ने पहली बार कॉफी का स्वाद लिया था