BREAKING NEWS

AAP और BJP के बीच शुरू हुआ नया विवाद, CM केजरीवाल के खिलाफ लगे पोस्टर में लिखा- तानाशाह ◾कांग्रेस नेता ने CBI को लिखा पत्र,शाह के कोनराड संगमा सरकार को भ्रष्ट बताने वाले बयान की जांच की मांग की◾ED दिल्ली आबकारी नीति मामले में दूसरे पूरक आरोप पत्र के लिए तैयार, जुटाए कुछ और अहम सबूत◾दुबई से लाया Duty Free शराब, फ्लाइट में ही बनाने लगा पैग, अनुचित व्यवहार करने पर दो लोग गिरफ्तार◾PM मोदी ने डॉ. लोहिया की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की, कहा- दूरदृष्टि को साकार करने के लिए कर रहे हैं कड़ी मेहनत◾कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के चेक-पोस्ट पर 1.90 करोड़ नकदी की गई जब्त◾आज का राशिफल (23 मार्च 2023)◾राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कुमार मंगलम बिरला, एसएम कृष्णा समेत इन दिग्गजों को पद्म पुरस्कार से नवाजा, देखें लिस्ट ◾मुकेश अंबानी सबसे अमीर भारतीय, गौतम अडाणी अरबपतियों की लिस्ट में 23वें स्थान पर खिसके◾भारत के कड़े रूख के बाद हरकत में आई ब्रिटेन सरकार, भारतीय उच्चायोग के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा ◾कर्नाटक में भाजपा को बड़ा झटका, पूर्व मंत्री बाबूराव चिंचानसुर ने थामा कांग्रेस का दामन ◾सेना में जेएजी पद पर भर्ती के लिए विवाहितों को अपात्र घोषित करना तर्कपूर्ण: केन्द्र ने कोर्ट से कहा◾दिल्ली में फिर हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 2.7 मापी गई तीव्रता ◾झारखंड विधानसभा में BJP नेता ने कुर्ता फाड़ा, CM हेमंत सोरेन ने कहा भाजपाइयों ने सदन की गरिमा तार-तार कर दी◾Gang-rape Case: बिलकिस बानो के दोषियों को सुप्रीम झटका, समयपूर्व रिहाई के खिलाफ की जाएगी सुनवाई ◾ अयोध्या में श्री राम मंदिर के सपरिवार करूंगा दर्शन - शिवपाल यादव◾‘आप विदेश नहीं, अपने पूर्वजों के घर आए हैं’, दक्षिण कोरिया के भिक्षुओं से बोले CM योगी ◾मध्यप्रदेश में बर्बाद हुई फसल को बनाया जा रहा है सियासी मुद्दा, किसानों को बुरा हाल ◾नीतीश कुमार को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले आरोपी को गुजरात से किया गया गिरफ्तार ◾नाना की मौत पर Vlog बनाना यूट्यूबर को पड़ा भारी, भड़के लोगों ने कहा- ये तो हद हो गई◾

म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन जारी, 17 फरवरी तक बढ़ी आंग सान सू की की हिरासत

म्यांमार की सेना ने अपदस्थ की गयी नेता आंग सान सू की की हिरासत बढ़ा दी है। वहीं, देश में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं और प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग सू की की रिहाई है। वकील खिन मौंग जॉ ने राजधानी नेपीतॉ में एक अदालत के बाहर पत्रकारों को बताया कि सू की की हिरासत 17 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। सू की की पार्टी ने जॉ से अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करने को कहा था। सू की की हिरासत की अवधि सोमवार को खत्म हो रही थी। उनपर अवैध तौर पर वॉकी टॉकी रखने का आरोप लगाया गया।

बहरहाल, सू की की हिरासत को बढ़ाने से सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ सकता है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सेना उनके द्वारा चुनी हुई सरकार को सत्ता वापस करे। बता दें कि सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथ में ले ली थी और सू की समेत सरकार के कई सदस्यों को हिरासत में ले लिया था। साथ में नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को संसद के नए सत्र में हिस्सा लेने से रोक दिया था। समूचे म्यांमार में सोमवार को भी प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। हालांकि रविवार रात को अधिकारियों ने प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए देश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी और सुरक्षा कर्मियों की तादाद बढ़ा दी।

देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मंडाले में हजारों इंजीनियरों ने सड़कों पर मार्च किया, नारेबाजी की तथा वे हाथों में तख्तियां पकड़े हुए थे जिनमें लिखा था,‘‘हमारी नेता को रिहा करो’’,‘‘न्याय के साथ कौन खड़ा है?’’ और ‘‘आधी रात में लोगों को अवैध तरीके से गिरफ्तार करना बंद करो।’’ यंगून में इंटरनेट सेवा बंद होने और सड़कों पर सैन्य वाहनों की मौजूदगी की वजह से सोमवार को कम प्रदर्शनकारी जुटे। फिर भी म्यांमार केंद्रीय बैंक के बाहर सैकड़ों प्रदर्शनकारी थे जहां सैनिकों से भरे सैन्य ट्रक, दंगा रोधी पुलिस और वॉटर कैनन ट्रैक तैनात थे।

प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिस पर लिखा था, ‘‘सीडीएम (सविनय अवज्ञा आंदोलन) का समर्थन, म्यांमार बचाओ।’’ वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लिंग ने कहा है कि सरकार पिछले साल हुए चुनाव में धांधली के आरोपों की जांच करने में नाकाम रही, जिस वजह से सेना को दखल देना पड़ा। इस चुनाव में सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की जबर्दस्त जीत हुई थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने किसी भी धांधली से इनकार किया है। परिवहन एवं संचार मंत्रालय से रविवार को आए एक आदेश में मोबाइल फोन सेवा प्रदाताओं से देर रात एक बजे से लेकर सोमवार सुबह 9 बजे तक इंटरनेट बंद करने को कहा गया।

रविवार को अमेरिका, कनाडा और 12 यूरोपीय देशों के राजदूतों ने म्यांमार के सुरक्षा बलों से उन लोगों के खिलाफ हिंसा से बचने का आह्वान किया जो वैध सरकार को बेदखल करने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और संचार में सैन्य दखल की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकतंत्र, स्वतंत्रता, शांति और समृद्धि की तलाश में म्यांमार के लोगों के साथ हैं।’’ रविवार रात को जारी बयान में कहा गया है,‘‘दुनिया देख रही है।’’ इससे पहले, रविवार को साइबर जगत में भी विरोध देखने को मिला। खुद को ‘ब्रदरहुड ऑफ म्यांमार हैकर्स’ बताने वाले समूह ने सरकार की ‘म्यांमार डिजिटल न्यूज़ वेबसाइट’ को हैक किया और इस पर सैन्य तख्तापलट के खिलाफ सामग्री और तस्वीरें लगा दीं।

यंगून में प्रदर्शनकारी चीनी और अमेरिकी दूतावासों के बाहर जमा हुए। उनका आरोप है कि चीन सैन्य सरकार की मदद कर रहा है जबकि सेना के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेरिका की सराहना की। सत्तारूढ़ जुंटा द्वारा कई बुनियादी नागरिक सुविधाओं को निलंबित करने के बावजूद रविवार को प्रदर्शन हुए। शनिवार देर रात जारी और रविवार को सरकारी अखबारों में प्रकाशित आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों को बिना वारंट के तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने के अधिकार दिए गए हैं।

आदेश में इलेक्ट्रॉनिक और अन्य संचार उपकरणों को बिना वारंट के रोकने और अदालत की इजाजत के बिना किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखने की इजाजत दी गई है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सेना जेलों से अपराधियों को रिहा कर रही है ताकि वे प्रदर्शनों में हिंसा फैला सकें और दहशत का माहौल पैदा कर सकें। सैन्य शासन ने पिछले हफ्ते 23,000 से अधिक दोषियों को माफी देने की घोषणा की थी। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि कुछ अपराधियों को रात में रिहायशी इलाकों में हिंसा करने के लिए तैनात किया गया है ताकि दहशत फैल जाए।