BREAKING NEWS

महाराष्ट्र : BJP ने OBC का 'अपमान' करने के लिए राहुल गांधी का किया विरोध प्रदर्शन◾Tornado in Punjab: पंजाब के फाजिल्का में बवंडर से 12 लोग घायल, 30 घर क्षतिग्रस्त◾ राहुल गांधी पर भड़के केंद्रीय मंत्री रविशंकर,कहा राहुल पर मानहानि के 60 मामले चल रहे हैं◾तोशखाना मामले में इमरान खान को मिली राहत, लाहौर हाइकोर्ट ने दी जमानत◾तोशखाना मामले में इमरान खान को मिली राहत, लाहौर हाइकोर्ट ने दी जमानत◾शशि थरूर बोले- राहुल का अयोग्य ठहराया जाना भाजपा के लिए आत्मघाती गोल◾राहुल के समर्थन में उतरे प्रशांत किशोर, बोले- केंद्र को दिखाना चाहिए था बड़ा दिल◾किरेन रीजीजू बोले, सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद का मतलब टकराव नहीं◾अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान, कहा- 'फ्री बिजली बंद करने की साजिश रच रहे LG' ◾कांग्रेस ने CPI(M) पर केरल में 'दोहरा एजेंडा' रखने का आरोप लगाया◾राधा स्वामी सत्संग ब्यास पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से की मुलाकात ◾राहुल गांधी ने लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर कहा- मुझे फर्क नहीं पड़ता, मैं अपना काम करता रहूंगा◾विपक्षी दल गरीब और ग्रामीण बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनते नहीं देखना चाहते : PM मोदी◾मनी लॉन्ड्रिंग केस : सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 5 अप्रैल तक टली◾अलर्ट! भारत में कोविड के 1590 नए मामले हुए दर्ज, छह की मौत ◾लालू यादव की बेटी मीसा भारती धन शोधन मामले में ED के समक्ष पेश हुईं◾Amit Shah ने कहा- 'मोदी सरकार ने पूर्वोत्तर में अफ्सपा के तहत ‘अशांत क्षेत्रों’ को कम करने का लिया निर्णय'◾‘लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं, डरूंगा नहीं’, संसद सदस्यता रद्द होने पर बोले राहुल गांधी ◾CM योगी ने कहा- 'अब यूपी की पहचान माफियाओं से नहीं, महोत्सव से है'◾बीजेपी ने योगी सरकार की उपलब्धियों गिनाते हुए 2024 चुनाव की तैयारी शुरु की ◾

क्या चीन ईको-सिस्टम को बचाने के लिया उठा रहा है सख्त कदम ?

चीन ने हाल के वर्षों में तमाम क्षेत्रों में खूब प्रगति हासिल की है। विज्ञान व तकनीकी सेक्टर भी इससे अछूते नहीं हैं।  यहां बता दें कि चीन विश्व में आर एंड डी यानी अनुसंधान और विकास संबंधी कार्यों पर सबसे ज्यादा खर्च वाले देशों में से एक है। आंकड़ों के मुताबिक ग्लोबल आर एंड डी खर्च में चीन की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है। इस बीच एक और रिपोर्ट सामने आयी है, जिसमें चीन अग्रणी भूमिका निभा रहा है। चीन जैव विविधता के संदर्भ में की जाय, चीन ने इस दिशा में गंभीरता दिखायी है। जाहिर है कि पिछले कई वर्षों से चीन सरकार का ध्यान पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित रहा है।

 हालांकि विकास की रफ्तार को सुस्त न होने देना किसी भी देश के लिए एक चुनौती होता है। चीन के नीति-निर्धारक भी इसे बखूबी समझते हैं। लेकिन वे विकास के नाम प्रकृति व पर्यावरण का विनाश नहीं होने देना चाहते हैं। कहने में गुरेज नहीं है कि इस बाबत सकारात्मक प्रयास किए गए हैं।

गौरतलब है कि हाल में चीन के युन्नान प्रांत के खुनमिंग में जैव विविधता संधि पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति से लेकर हर बड़े नेता ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और इसके लिए खाका भी पेश किया गया। इससे पूर्व संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान शी चिनफिंग ने दुनिया के समक्ष यह वादा किया कि चीन विदेशों में कोयला चालित नई परियोजनाएं नहीं चलाएगा। इसके साथ ही देश के भीतर भी कोयले के बजाय नवीन ऊर्जा व स्वच्छ ऊर्जा से उद्योगों को संचालित करने पर फोकस रहेगा। बता दें कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या से निपटने पर बहुत ध्यान दिया है। इसके लिए कोयले से चलने वाली फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया है या वैकल्पिक ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए चीन ने अरबों युआन की अतिरिक्त राशि भी जारी की है।

हमने यह भी देखा है कि चीन में हरित क्षेत्रों का अनुपात लगातार बढ़ रहा है। राजधानी पेइचिंग से सटे हबेई प्रांत के सैनहापा कृत्रिम वन क्षेत्र का उदाहरण हमारे सामने है, क्योंकि इस रेगिस्तानी क्षेत्र को कृत्रिम वन का रूप दे दिया गया है।

इसके साथ ही चीन सरकार पारस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए भी पूरी कोशिश कर रही है। चीन ने साल 2030 से पहले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के स्तर को शिखर पर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। वहीं वर्ष 2060 से पहले कार्बन तटस्थता हासिल करने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है।

हाल की विभिन्न घोषणाओं और पहलों से यह स्पष्ट होता है कि चीन जलवायु परिवर्तन से निपटने और धरती को हरित स्वरूप देने के लिए प्रयासरत है। लेकिन यह सिर्फ चीन के प्रयासों से ही हासिल नहीं हो पाएगा, समूचे विश्व के पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए विकसित राष्ट्रों को अधिक जि़म्मेदारी निभानी होगी