विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार भारत-चीन सीमा के मुद्दों को निष्पक्ष, न्यायसंगत और परस्पर सहमत शर्तों पर सुलझाना चाहती है।
उन्होंने भाजपा की केरल इकाई की ओर से आयोजित 'युवा मतदाताओं के साथ संवाद' में कहा, 'हम इसे एक देश द्वारा यह कहकर हल नहीं कर सकते कि यह समाधान है, और हमें इसे स्वीकार करना है।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे हैं और इन छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए सरकार नई नीति लाएगी।
उन्होंने कहा कि इस तरह की नीति लाने से पहले देश के अंदर और बाहर शैक्षणिक संस्थानों के साथ विचार-मंथन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन संकट पर भारत के रुख पर दुनिया की नजर है।
जयशंकर ने कहा कि भारत ने कोविड के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी है, उसकी विश्व स्तर पर सराहना की गई। उन्होंने कहा कि अगर दस या पंद्रह साल पहले, अगर कोविड जैसा कुछ होता, तो देश इंतजार करता कि दुनिया क्या कर रही है।
मंत्री ने कहा, 'आज हम सबसे बड़े देशों में से एक हैं जहां टीकाकरण की दर सबसे अधिक है।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में कई प्रगतिशील विकास हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि देश जिन सीमा मुद्दों का सामना कर रहा है और भारत-चीन सीमा मुद्दे पर सरकार कड़ा रुख अपना रही है।
मंत्री ने यह भी कहा कि कई विदेशी देश अब भारत में निवेश कर रहे हैं और यह सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सुरक्षित वातावरण के कारण है।
बातचीत में तिरुवनंतपुरम और उसके आसपास के 150 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम में भाजपा के तिरुवनंतपुरम जिला अध्यक्ष वी.वी. राजेश भी मौजूद थे।