पाकिस्तान प्रधानमंत्री कार्यालय ने 26 अक्टूबर को लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का नया प्रमुख बनाए जाने की जानकारी दी है। नदीम अंजुम को चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ कमर जावेद बाजवा का करीबी बताया जाता है, लेकिन वह इमरान खान की पसंद नहीं है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना ने छह अक्टूबर को बयान जारी कर अंजुम को ISI के मौजूदा प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के स्थान पर नियुक्त करने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद से ही माना जा रहा था इमरान खान को आधिकारिक तौर पर अंजुम के नाम पर मुहर लगानी होगी।
वहीं, अंजुम 20 नवंबर से ISI की कमान संभालेंगी। दूसरी ओर मौजूदा ISI प्रमुख फैज हमीद 19 नवंबर तक अपने पद पर बने रहेंगे। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री कार्यालय से औपचारिक घोषणा मंगलवार शाम को जारी की गई। लेकिन अक्टूबर में पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने लेफ्टिनेंट जनरल अंजुम को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का ऐलान कर दिया। पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई घोषणा के बाद इस बात अटकलें लगने लगीं कि इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार और पाकिस्तानी सेना के बीच मतभेद चल रहा है।
इमरान सरकार पर मंडराने लगा है खतरा
पाकिस्तानी सेना को लेकर ये बात किसी से छिपी नहीं है कि वह देश की सुरक्षा और विदेश नीति से संबंधित मामलों में अहम फैसले लेती आई है। इमरान खान के कार्यालय ने इस बात को स्वीकार किया था कि पाकिस्तानी सेना और इमरान सरकार के बीच कुछ ‘तकनीकी समस्याएं’ हैं। इसने कहा था कि इन मुद्दों का जल्द ही समाधान कर लिया जाएगा। इस मामले से परिचित लोगों ने इसकी जानकारी दी थी. यहां गौर करने बात ये थी कि अगर सेना ने इमरान सरकार के साथ समझौता नहीं करने का फैसला किया होता तो उनकी सरकार में ऊपरी स्तर तक बदलाव देखने को मिल सकते थे।