अफगानिस्तान में तालिबान ने जब से कब्जा किया है तब से उन्होंने वहां की महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए है। देश में महिलाओं की स्तिथि को लेकर मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने कहा है कि, अफगान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर हमला हो रहा है। उन्हें विश्व निकाय के समर्थन और एकजुटता की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को एक बयान में ओसीएचए ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में लड़कियां और महिलाएं बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं। मानवीय संगठनों को भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, आजीविका के अवसर और सुरक्षा सेवाएं प्रदान करके सहायता बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
तालिबान ने आरोपों को बताया गलत
ओसीएचए के अनुसार अफगानिस्तान में 11.8 मिलियन महिलाओं और लड़कियों को तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है। बुधवार को काबुल में महिला कार्यकर्ताओं की एक सभा के बाद संयुक्त राष्ट्र का यह बयान आया। ओसीएचए के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि आरोप निराधार और गलत हैं। मुजाहिद ने एक ट्वीट में कहा कि जब से तालिबान ने पिछले अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, महिलाओं सहित सभी के अधिकारों की रक्षा की गई है।
पत्रकारों को गिरफ्तार किए जाने की हुई निंदा
ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से अफगानिस्तान की आर्थिक और मानवीय स्थिति खराब हो गई है और महिलाएं और बच्चे इस स्थिति का सबसे बड़ा शिकार हैं। रिपोर्ट में अफगान पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को तालिबान द्वारा गिरफ्तार किए जाने और धमकी देने पर भी चिंता व्यक्त की गई है।