इस्लामाबाद : पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक नाबालिग ईसाई लड़की को आश्रय गृह भेज दिया। लड़की का कथित तौर पर धर्म परिवर्तन करवाया गया था और एक मुस्लिम व्यक्ति से उसका निकाह हुआ था।
लड़की के पिता की ओर से दर्ज करवाई गई प्राथमिकी के अनुसार कराची की रेलवे कॉलोनी निवासी 13 वर्षीय आरजू 13 अक्टूबर से लापता थी। बाद में पता चला कि उसका निकाह 45 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति से हो चुका है। लड़की को इस्लाम कबूल करवाया गया था।
मामले की सुनवाई सिंध उच्च न्यायालय में हुई, जहां न्यायमूर्ति के.के. आगा की खंडपीठ ने प्रांतीय स्वास्थ्य सचिव को आरजू की उम्र तय करने के लिए विशेष मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश दिया। इसके बाद बोर्ड ने अदालत को सोमवार को सूचित किया कि लड़की की आयु 14 से 15 वर्ष के बीच है। सरकारी रिकॉर्ड में उसकी आयु 13 वर्ष दर्ज है।
Sindh High Court has given the custody of Arzoo Raja, a 13-year-old Christian girl to her husband because, she has accepted Islam willingly and she told that she was not abducted even didn’t force to marry. pic.twitter.com/oQHhI3E2MP
— Daily Times (@dailytimespak) November 1, 2020
इस रिपोर्ट के बाद अदालत ने पुलिस को लड़की के तथाकथित पति के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। हालांकि, लड़की ने सुनवाई में कहा कि उसे अगवा नहीं किया गया और उसने अपनी मर्जी से इस्लाम को अपनाकर अजहर से निकाह किया है।
पीठ ने कहा कि वह नाबालिग है और अपने विवाह के बारे में फैसला नहीं ले सकती है। इसके साथ ही अदालत ने आरजू को आश्रय गृह भेजने का निर्देश दिया।