स्विट्जरलैंड में 7 मार्च को बुर्का बैन वाले प्रस्ताव पर जनमत संग्रह हुआ। जनमत संग्रह में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के पर बैन के लिए लोगों ने मतदान किया। 51 फीसदी लोगों ने बैन के पक्ष में मतदान किया। इस बैन के तहत सार्वजनिक रूप से सभी सुलभ स्थानों पर चेहरे को पूरी तरह ढकने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
वहीं बुर्के का समर्थन करने वाले लोग इसे मुस्लिमों की पहचान को खत्म करने का प्रयास बता रहे हैं। स्विट्जरलैंड के मतदाताओं ने दुकानों, रेस्तरां और सड़कों पर अपने चेहरे को पूरी तरह से कवर करने से लोगों को बैन करने की पहल के पक्ष में वोट डाले। हालांकि, स्विट्जरलैंड की संसद और देश की संघीय सरकार का गठन करने वाली सात सदस्यीय कार्यकारी परिषद ने इस जनमत संग्रह प्रस्ताव का विरोध किया।
स्विस काउंसिल ऑफ रिलिजन (स्विट्जरलैंड में सभी प्रमुख धार्मिक समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाला) ने इस साल की शुरुआत में इस प्रस्ताव की निंदा की, जिसमें कहा गया कि धार्मिक स्वतंत्रता का मानव अधिकार ड्रेस कोड जैसे धार्मिक प्रथाओं की भी रक्षा करता है।
फ्रांस के बाद अब एक और यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड में भी मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने पर बैन लगाने की तैयारी हो गई है। स्विट्जरलैंड के 51 फीसदी लोगों ने बुर्के पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में मतदान किया है। कुल 50 .8 प्रतिशत लोगों ने इस जनमत संग्रह में मतदान किया था।
इस जनमत संग्रह में लोगों से पूछा गया था कि क्या सार्वजनिक स्थानों पर नकाब को प्रतिबंधित किया जाए या नहीं? अब 51.21 फीसदी लोगों ने बुर्के और नकाब को प्रतिबंधित करने के पक्ष में मतदान किया है। महीने पहले स्विट्जरलैंड की सरकार एक प्रस्ताव लाई थी कि कोई भी सार्वजनिक रूप से अपने चेहरे को कवर नहीं करेगा, न ही उन क्षेत्रों में जहां सेवाएं सभी के लिए समान रूप से सुलभ हैं। जिसके बाद से इस प्रस्ताव का कई संगठनों ने विरोध किया।