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Report के मुताबिक- भारत से सिंगापुर की चावल आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं

सिंगापुर में वियतनाम और थाईलैंड से चावल के आयात में किसी तरह की समस्या नहीं है। वहीं, भारत से भी चावल के आयात में कोई बाधा नहीं आई है।

सिंगापुर में वियतनाम और थाईलैंड से चावल के आयात में किसी तरह की समस्या नहीं है। वहीं, भारत से भी चावल के आयात में कोई बाधा नहीं आई है। हालांकि, कीमतों में इजाफा हो सकता है क्योंकि भारत ने चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगाया है और गैर-बासमती किस्मों तथा टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को जारी एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
भारत सरकार ने मौजूदा खरीफ सीजन में धान की खेती के रकबे में गिरावट के बीच घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए टूटे चावल को छोड़कर गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। इसके अलावा, घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से टूटे चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आठ सितंबर, 2022 को एक अधिसूचना में कहा, “टूटे हुए चावल की निर्यात नीति को ‘मुक्त’ से ‘निषिद्ध’ में संशोधित किया गया है।” अधिसूचना नौ सितंबर, 2022 से प्रभाव में आई है। सिंगापुर के व्यापार और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने हाल ही में विभिन्न किस्मों के चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया और टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसकी सिंगापुर में खपत कम है। ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों से सिंगापुर का चावल आयात अभी ठीक स्थिति में है। इसके अलावा, देश की चावल भंडार योजना ने आपूर्ति में किसी भी रुकावट या मूल्य में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने में मदद की है।मंत्रालय ने बताया कि सरकार स्थिति की निगरानी जारी रखेगी और सुनिश्चित करेगी कि सिंगापुर में चावल की पर्याप्त आपूर्ति हो।

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