आतंकियों की मदद करने के आरोप में घिरे पाकिस्तान को एफएटीएफ से एक बार फिर से झटका लगा है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ( F A T F) के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने बताया कि पाकिस्तान को 34 कार्य दिए गए थे जिसमें से इन्होंने 30 को पूरा कर लिया है। दरअसल एफएटीएफ ने पाकिस्तान की सरकार को उसके देश में रह रहे यूएन द्वारा नामित आतंकवादी जैसे हाफिज सईद और मसहुद अजहर के खिलाफ तेजी से कार्यवाई करने के लिए कहा गया था लेकिन वह ऐसा करने में असफल रहा।
तीन साल से ग्रे लिस्ट में ही है पाकिस्तान
अपने देश में आतंकी और आतंकवादी संगठनों को बढ़ावा देने के आरोप में पाकिस्तान वर्ष 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। पाकिस्तान ने कई बार एफएटीएफ की लिस्ट से बाहर निकलने की कोशिश की है लेकिन वह हर बार नाकामयाब ही रहा और बाहर नहीं निकल पाया। एफएटीएफ ने कई बार पाकिस्तान को कार्यों की एक सूची दी है जिसे पूरा करने का बाद वह लिस्ट से बाहर निकल सकता है लेकिन वह इन कार्यों पर ध्यान नहीं देता और ग्रे लिस्ट में बना ही रहता है।
तुर्की पर भी हुई कार्रवाई, ग्रे लिस्ट में हुआ शामिल
एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने कहा है कि हमने तुर्की को भी ग्रे लिस्ट में डाला दिया है। तुर्की को एएमएल (एंटी मनी लान्ड्रिंग फेलियर ) के मामले में एफएटीएफ ने ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। मार्कस ने बताया की तुर्की के साथ “जॉर्डन” और “माली” को भी ग्रे लिस्ट में डाला गया है। हालांकि एफएटीएफ ने पांच महीने पहले ही कहा था कि वह तु्र्की को भी ग्रे लिस्ट में डाल देंगे।