अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और तालिबान ने रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति और ईद की छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए शांति की पेशकश करते हुए शनिवार रात को तीन दिन के संघर्ष विराम की घोषणा की। तालिबान द्वारा किये गए इस एलान के तुरंत बाद ही राष्ट्रपति शरफ गनी ने टि्वटर के जरूये घोषणा करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ‘‘शांति की पेशकश करती है।’’
गौरतलब हो कि दोनों की ओर से यह कदम तब उठाया गया है जब कुछ दिन पहले अमेरिका के शांति दूत जलमी खलीलजाद ने काबुल और दोहा की यात्रा की थी।
खलीलजाद ने अपनी यात्रा के दौरान तालिबान और अफगान सरकार दोनों से हिंसा को कम करने तथा अंतर-अफगान वार्ता की ओर बढ़ने का अनुरोध किया था जो फरवरी में तालिबान के साथ हुए अमेरिका के शांति समझौते का अहम स्तंभ है।
तालिबान ने संघर्ष विराम की घोषणा करते हुए अपने नेता की ओर से ईद-उल-फितर का एक संदेश दिया जिसमें कहा गया है कि आतंकवादी समूह शांति समझौते के लिए प्रतिबद्ध है और वह इस्लामिक व्यवस्था के तहत महिलाओं और पुरुषों के अधिकारों की गारंटी का वादा करता है। तालिबान ने अपने आदेश में लड़ाकों को न केवल लड़ाई न करने बल्कि अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के साथ मित्रतापूर्वक व्यवहार करने का भी आदेश दिया है।
शनिवार को जारी दिशा निर्देशों में तालिबान लड़ाकों को ‘‘किसी भी स्थान पर दुश्मन पर हमला न करने लेकिन अगर कहीं भी दुश्मन की ओर से हमला होता है तो मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा गया है।’’ आदेश में तालिबान के लड़ाकों को ‘‘दुश्मन’’ क्षेत्र में घुसने के खिलाफ भी आगाह किया गया है।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस घोषणा का स्वागत किया और सभी पक्षों से ‘‘इस अवसर का लाभ उठाने और अफगानिस्तान के नेतृत्व में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने’’ का अनुरोध किया। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने यह जानकारी दी।
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए 23 मार्च को पूरी दुनिया से संघर्ष विराम का आह्वान करने वाले गुतारेस ने कहा, ‘‘केवल शांति समझौते से अफगानिस्तान में संघर्ष खत्म हो सकता है।’’उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र इस महत्वपूर्ण काम में अफगानिस्तान के लोगों और सरकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’