अफगानिस्तान में तालिबान का शासन एक बार फिर लौट आया है और अब लोगों के पास उसके शासन को अपनाने के सिवा कोई और दूसरी विकल्प नहीं है। तो वहीं, तालिबान ने अफगानिस्तान में बैंकों से निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार को यह जानकारी दी गई।
एक आधिकारिक निर्देश में, अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक, डी अफगानिस्तान बैंक ने सभी निजी और अंतर्राष्ट्रीय बैंकों को अपने व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए निकासी को 200 डॉलर तक सीमित करने का आदेश दिया है, जो प्रति सप्ताह 2,000 एएफएस के बराबर है। निर्देश के अनुसार, यह निर्णय अफगानिस्तान में वित्तीय कठिनाइयों के बाद लिया गया है और यह अस्थायी होगा।
सैकड़ों लोगों ने काबुल की सड़कों पर उतरकर बैंकों को बंद करने का विरोध किया था, जिसके कुछ घंटों बाद यह फैसला लिया गया। डी अफगानिस्तान बैंक ने अफगानिस्तान में सभी निजी बैंकों को केंद्रीय बैंक के सिद्धांतों और कानूनों के आधार पर अपना संचालन फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है।
सैकड़ों लोगों ने काबुल की सड़कों पर उतरकर बैंकों को बंद करने का विरोध किया था, जिसके कुछ घंटों बाद यह फैसला लिया गया। डी अफगानिस्तान बैंक ने अफगानिस्तान में सभी निजी बैंकों को केंद्रीय बैंक के सिद्धांतों और कानूनों के आधार पर अपना संचालन फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है।
निर्देश में कहा गया है, सभी कंपनियों से संबंधित और व्यक्तिगत खातों के मालिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से धन हस्तांतरित करने की अनुमति है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि तालिबान के 15 अगस्त को काबुल में प्रवेश करने के बाद से कोई बैंकिंग सेवा उपलब्ध नहीं है। लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, नियोक्ता वेतन का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं और कर्मचारियों के पास पैसे खत्म हो गए हैं।