भारत ने शुक्रवार को परोक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से कहा कि अफगानिस्तान तभी सफल हो सकता है जब ‘डूरंड रेखा’ से आतंकवादी गतिविधियों का संचालन नहीं हो।
भारत ने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए और सुरक्षा परिषद को ऐसी ताकतों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए।
डूरंड रेखा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि शांति प्रक्रिया और हिंसा साथ में नहीं चल सकते और हम तत्काल समग्र संघर्ष विराम का आह्वान करते हैं। अफगानिस्तान में दीर्घकालिक शांति के लिए हमें डूरंड रेखा से संचालित आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समय आ गया है कि सुरक्षा परिषद हिंसा और आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोले तथा आतंकवादी ठिकानों और उनकी सुरक्षित पनाहों के खिलाफ कार्रवाई करे।’’