अमेरिकी हमले में शीर्ष ईरानी एवं इराकी कमांडरों की मौत के बाद हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए बगदाद में अमेरिकी दूतावास ने इराक में मौजूद अमेरिकी नागरिकों से शुक्रवार को ‘‘जल्द से जल्द देश छोड़ने’’ के लिए कहा है। दूतावास ने एक बयान में कहा, ‘‘संभव हो तो अमेरिकी नागरिक विमान के जरिए देश छोड़कर चले जाएं, नहीं तो वे भूमार्ग से अन्य देशों से होते हुए भी जा सकते हैं।’’
शुक्रवार तड़के बगदाद एयरपोर्ट के बाहर अमेरिका ने हमला किया और सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि हमले की आशंका अब भी बनी हुई है। दरअसल, अमेरिका ने शुक्रवार सुबह बगदाद के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर हवाई हमला किया, जिसमें ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है। इस नाटकीय घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा दिया है। इससे कुछ ही दिन पहले ईरान समर्थक भीड़ ने इराक में अमेरिकी दूतावास की घेरेबंदी की थी।
पेंटागन ने बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुलेमानी को ‘‘मारने’’ के आदेश दिए थे। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने कुद्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में शुक्रवार को हुई मौत का ‘‘कड़ा प्रतिशोध’’ लेने का संकल्प लिया और देशभर में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।
His efforts & path won’t be stopped by his martyrdom, by God’s Power, rather a #SevereRevenge awaits the criminals who have stained their hands with his & the other martyrs’ blood last night. Martyr Soleimani is an Intl figure of Resistance & all such people will seek revenge. /3
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) January 3, 2020
खामेनी ने ट्वीट किया, ‘‘इन सभी वर्षों में उनके निरंतर प्रयासों का पुरस्कार शहादत थी। अल्लाह की मर्जी से उनके जाने के बाद भी उनका काम और उनकी राह नहीं रुकेगी। उन गुनाहगारों से भयंकर बदला लिया जाएगा जिन्होंने अपने हाथ उनके और अन्य शहीदों के खून से कल रात रंगे हैं।’’ ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि ईरान और ‘‘क्षेत्र के आजाद देश’’ रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का अमेरिका से बदला लेंगे।
रूहानी ने ईरान सरकार की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, ‘‘इस बात में कोई शक नहीं है कि महान राष्ट्र ईरान और क्षेत्र के अन्य आजाद देश अपराधी अमेरिका के इस जघन्य अपराध का बदला लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि सुलेमानी की मौत ने ‘‘अमेरिका की दादागिरी के खिलाफ खड़े होने और इस्लामी मूल्यों की रक्षा करने’’ की ईरान राष्ट्र और अन्य आजाद देशों की इस प्रतिबद्धता को दोगुना कर दिया है। इस बीच, ईरान ने अमेरिकी हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले तेहरान स्थित स्विट्जरलैंड के दूतावास के एक अधिकारी को तलब किया।
सुलेमानी की मौत के बाद ट्रंप ने बिना किसी विस्तृत जानकारी के अमेरिकी झंडा ट्वीट किया था। इससे पहले बगदाद के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ईरान से निकट संबंध रखने वाले इराकी अर्द्धसैन्य बल हाशेद अल शाबी के काफिले को निशाना बनाकर शुक्रवार तड़के कई मिसाइलें दागी गईं। इसके कुछ घंटों बाद रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर के घोषणा की कि सुलेमानी ‘‘आज सुबह बगदाद एयरपोर्ट पर अमेरिका के एक हमले में शहीद हो गए।’’
हाशेद ने भी सुलेमानी और अपने उप प्रमुख अबु महदी अल मुहंदिस के मारे जाने की पुष्टि की और कहा कि यह ‘‘अमेरिकी हमला था जिसमें बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा रोड पर उनकी कार को निशाना बनाया गया।’’ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश में अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा और ईरान को भविष्य में हमलों की योजना बनाने से रोकने के लिए ‘‘निर्णायक रक्षात्मक कार्रवाई’’ करते हुए इराक में अमेरिकी हमले का आदेश दिया था जिसमें ईरान के शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘ जनरल सुलेमानी इराक में अमेरिकी राजनयिकों और सैन्य कर्मियों पर हमले की सक्रिय रूप से योजना बना रहा था। जनरल सुलेमानी और उसका कुद्स फोर्स सैकड़ों अमेरिकियों और अन्य गठबंधन सहयोगियों के सदस्यों की मौत और हजारों को घायल करने के लिए जिम्मेदार हैं।’’ बयान में कहा, ‘‘जनरल सुलेमानी ने बीते दिनों बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमलों की भी अनुमति दी थी। अमेरिका दुनिया भर में अपने लोगों और उनके हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा।’’
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने सुलेमानी की हत्या की निंदा करते हुए कहा है कि इससे स्थिति खतरनाक रूप से तनावपूर्ण हो गई है और उन्होंने अमेरिका को चेतावनी दी कि उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। ईरान के शीर्ष अधिकारी मोहसिन रेजाई ने ‘‘अमेरिका से इसी प्रकार का भयंकर बदला’’ लेने का संकल्प लिया और तेहरान की शीर्ष सुरक्षा परिषद ने कहा कि वह इस मामले की समीक्षा के लिए तत्काल बैठक बुलाएगी।
इस मामले में इराकी अधिकारियों ने तत्काल कोई बयान नहीं दिया। शिया सशस्त्र समूहों संबंधी मामलों पर अमेरिका के विशेषज्ञ फिलिप स्मिथ ने कहा कि सबसे घातक हमलों के संदर्भ में बात की जाए तो अमेरिका ने जो अभी किया, वह उसका अब तक का सबसे घातक हमला था और इससे 2011 में अमेरिकी अभियान में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन और 2019 में अमेरिकी हमले में इस्लामिक स्टेट समूह के अबु बकर अल बगदादी की हत्या से भी ‘‘बड़ी’’ जटिलताएं पैदा होंगी।
इराक में ईरान समर्थकों द्वारा अमेरिकी दूतावास का घेराव किए जाने के बाद ट्रंप ने ईरान को कार्रवाई की धमकी दी थी जिसके कुछ दिनों बाद यह हमला किया गया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत एवं भारतीय मूल की अमेरिकी निकी हेली, केविन मैकार्थी और लिंडसे ग्राहम समेत कई रिपब्लिकन सांसदों ने इस फैसले के लिए ट्रंप का समर्थन किया।
इस बीच, अमेरिका के विदेश मामलों की प्रतिनिधि सभा की समिति के अध्यक्ष एलियट एगनल ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी सांसदों को इस आदेश के बारे में पहले जानकारी नहीं दी गई थी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, ‘‘इराकी- इराकी- आजादी की खुशी में नाच रहे हैं, वे शुक्रगुजार हैं कि जनरल सुलेमानी मारा गया है।’’ उन्होंने जो वीडियो साझा किया है उसमें सड़कों पर सैकड़ों लोग इराकी झंडे और अन्य बैनर लिए प्रतीत हो रहे हैं।