लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

राजनीतिक संकट के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति ने की नियुक्ति की, पुलिस विभाग अपने पास रखा

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के मनोनीत सदस्यों की अनदेखी करते हुए बृहस्पतिवार को 30 सदस्यीय कैबिनेट

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरीसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के मनोनीत सदस्यों की अनदेखी करते हुए बृहस्पतिवार को 30 सदस्यीय कैबिनेट को मंजूरी दी। राष्ट्रपति ने देश के सुरक्षा बलों तथा पुलिस पर अपना नियंत्रण रखते हुए ये विभाग अपने पास रखे हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों नेताओं के बीच टकराव अब भी बरकरार है।

नये कैबिनेट की नियुक्ति तीन दिन की अप्रत्याशित देरी के बाद की गयी है । इससे पहले विक्रमसिंघे ने कई हफ्तों तक चली राजनीतिक संकट के बाद 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी । इस संकट के कारण सरकार का कामकाज प्रभावित रहा।

कैबिनेट की नियुक्ति में इसलिए देरी हुई क्योंकि प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे द्वारा दी गई सूची के कुछ नामों पर राष्ट्रपति सिरिसेना सहमत नहीं थे ।

महागठबंधन में शामिल हुए कुशवाहा, कहा – राहुल और लालू ने उदारता दिखाई

सिरीसेना ने विक्रमसिंघे की ओर से कैबिनेट के लिए उन मनोनीत सदस्यों के नामों को खारिज कर दिया जो उनकी श्रीलंका फ्रीडम पार्टी से अलग हो गए थे । श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता पार्टी से अलग होकर विक्रमसिंघे की यूनाईटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के साथ हो गए थे ।

श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने देश में किसी को कानून व्यवस्था मंत्री नहीं बनाया है । यह एक महत्वपूर्ण पद है जो पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार आरोपों की जांच कर रहा है ।

सिरीसेना ने इस बीच रक्षा, महावेली डेवलपमेंट और पर्यावरण मंत्रालय अपने पास रखा है । इसके अलावा उन्होंने पुलिस महकमा भी अपने पास रखते हुए उस पर नियंत्रण रखा है जो उनकी कथित हत्या की साजिश के मामले की जांच कर रही है । इस साजिश के कारण राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच खाई को और चौड़ा कर दिया था ।

कांग्रेस ने ‘गब्बर सिंह टैक्स’ पर प्रधानमंत्री को गहरी नींद से जगाया : राहुल गांधी

सिरीसेना के 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने और पूर्व कद्दावर नेता महिंदा राजपक्षे को इस पद पर बहाल करने के बाद देश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया था ।

बाद में सिरीसेना ने 225 सदस्यीय संसद को भी भंग कर दिया और पांच जनवरी को आकस्मिक चुनाव कराने का ऐलान किया था । उन्होंने सार्वजिनक तौर पर विक्रमसिंघे को दोबारा बहाल नहीं करने का संकल्प किया था ।

देश में 51 दिनों तक जारी राजनैतिक गतिरोध के बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सिरीसेना ने विक्रमसिंघे को दोबारा प्रधानमंत्री पद पर बहाल किया ।

विक्रमसिंघे ने राष्ट्रीय नीति, आर्थिक मामले, पुनर्वास, उत्तर प्रांत विकास, व्यवसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और युवा मामले अपने पास रखा है । तिलक जनका मरपाना को विदेश मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी है ।

सिरिसेना ने कानून व्यवस्था मंत्रालय अपने पास रखा है जिसका यूएनपी के सदस्यों ने विरोध किया है । उनका दावा है कि संवैधानिक तौर पर राष्ट्रपति को पर्यावरण के अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिये जाने की व्यवस्था है ।

विश्लेषकों के अनुसार कैबिनेट की नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि सिरिसेना और विक्रमसिंघे के बीच टकराव अब भी जारी है और देश का सबसे भयावह राजनीतिक संकट सुलझने से अब भी दूर है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen − 8 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।