यूक्रेन और रूस के बीच जारी महायुद्ध का बुधवार को 14वां दिन है। ऐसे में दोनों पक्ष एक-दूकरे युद्ध् के मैदान के अलावा राजनीतिक तौर पर भी लड़ाई लड़ रहे है। यूक्रेन की राजधानी कीव में बुधवार को हवाई हमले के सायरन बजने लगे। वहीं अधिकारियों ने कहा कि वे रूसी सेना से खतरे वाले प्रमुख शहरों में सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं।
माना जाता है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना के आक्रमण के बाद से लगभग दो सप्ताह की लड़ाई में हजारों लोग मारे गए हैं जिसमें सैनिक और आम नागरिक दोनों शामिल हैं। रूसी सैनिकों का यूक्रेन में आगे बढ़ना यूक्रेनी प्रतिरोध के चलते उम्मीद से अधिक धीमा हो गया है। रूसी सैनिकों ने कई शहरों की घेराबंदी कर दी है। इससे शहरों के भीतर नागरिक फंस गए हैं जिनके पास भोजन, पानी या दवा की कमी हो गई है।
निकासी मार्ग स्थापित करने के बार-बार प्रयास विफल रहे हैं
कई शहरी क्षेत्रों से सुरक्षित निकासी मार्ग स्थापित करने के बार-बार प्रयास विफल रहे हैं। हालांकि कुछ हज़ार लोग मंगलवार को एक सुरक्षित गलियारे के माध्यम से उत्तरपूर्वी शहर सूमी से निकलने में सफल रहे। घिरे हुए बंदरगाह शहर मारियुपोल के निवासी इतने भाग्यशाली नहीं थे। युद्ध के कुछ सबसे बुरे प्रभाव वहां सामने आ रहे हैं। नागरिकों को निकालने और आवश्यक आपूर्ति मुहैया कराने का प्रयास विफल रहा। यूक्रेनी अधिकारियों ने कहा कि रूसी सेना ने काफिले पर उसके शहर में पहुंचने से पहले गोलाबारी की।
सूमी में हाल के दिनों में भीषण गोलाबारी जारी
क्षेत्रीय प्रशासन के प्रमुख दिमित्रो जायवत्स्की के अनुसार, रूसी सीमा के पास स्थित शहर सूमी से लोगों को बाहर निकालने का एक और प्रयास बुधवार को किये जाने की योजना है। सूमी में हाल के दिनों में भीषण गोलाबारी की गई है। इस बीच, यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने एक बयान में कहा कि वह उत्तर, दक्षिण और पूर्व के शहरों में सुरक्षा बढ़ा रहा है और राजधानी कीव के आसपास की सेना जवाबी हमलों के साथ रूसी हमले का विरोध कर रही है।
रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों के बृहस्पतिवार को तुर्की में मिलने की उम्मीद
यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने कहा कि उत्तरी शहर चेर्निहाइव में, रूसी सेना आवासीय भवनों और खेतों में सैन्य उपकरण रख रही है। वहीं दक्षिण में आम नागरिक वेशभूषा पहने हुए रूसी लोग माइकोलाइव शहर में आगे बढ़ रहे हैं। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू के अनुसार, लड़ाई को समाप्त करने के उद्देश्य से बातचीत में अब तक बहुत अधिक सफलता नहीं मिली है, लेकिन रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों के बृहस्पतिवार को तुर्की में मिलने की उम्मीद है। बैठक नाटो सदस्य देश तुर्की द्वारा आयोजित एक शिखर सम्मेलन के इतर होनी है, लेकिन इस बारे में और कोई विवरण घोषित नहीं किया गया है।
राजधानी में नागरिकों के लिए संकट बढ़ रहा है
कीव में, बुधवार सुबह एक के बाद एक हवाई अलर्ट के जरिये निवासियों से संभावित रूसी मिसाइलों के हमले से सुरक्षित ठिकाने में जाने का आग्रह किया गया। इस तरह के अलर्ट रुक-रुक कर जारी होते हैं। कीव क्षेत्रीय प्रशासन के प्रमुख ओलेक्सी कुलेबा ने कहा कि राजधानी में नागरिकों के लिए संकट बढ़ रहा है, शहर के उपनगरों में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। उन्होंने कहा, रूस कीव क्षेत्र में कृत्रिम मानवीय संकट पैदा कर रहा है।’’
अब तक 20 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अब तक 20 लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। चूंकि मॉस्को की सेना ने यूक्रेन के शहरों को घेर लिया है, इसलिए नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए गलियारे बनाने के प्रयास विफल हो गये हैं। हालांकि एक निकासी अभियान सफल दिखायी दिया और यूक्रेनी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि 1,700 विदेशी छात्रों सहित 5,000 नागरिकों को सूमी से बाहर लाया गया। ज़ायवत्स्की ने कहा कि उस गलियारे को बुधवार को 12 घंटे के लिए फिर से खोलना है।
महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जा रही
गर्भवती महिलाओं, बच्चों वाली महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जा रही थी। यूक्रेन पर अपने आक्रमण को विशेष सैन्य अभियान कहने वाले रूस ने युद्ध के बारे में आधिकारिक बयानों को लगभग विशेष रूप से अलगाववादी क्षेत्रों में लड़ाई और वहां से निकासी पर केंद्रित किया हुआ है, जहां रूसी समर्थित बल 2014 से यूक्रेन की सेना से लड़ रहे हैं। बुधवार को, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल इगोर कोनाशेनकोव ने कहा कि रूसी सेना ने पूर्व में एक बड़े पैमाने पर हमले की साजिश को विफल कर दिया था।
दक्षिण में, रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के समुद्र तट से लगे क्षेत्रों में बढ़ने का प्रयास किया है जो कि क्रीमिया के साथ एक जमीनी सम्पर्क बना सकता है। क्रीमिया को मॉस्को ने 2014 में यूक्रेन से कब्जा लिया था। मारियुपोल शहर कई दिनों से रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है और 4,30,000 नागरिकों वाले शहर में मानवीय संकट सामने आ रहा है। शहर की गलियों में शव पड़े हैं। भूखे लोग भोजन की तलाश में दुकानों में घुस जाते हैं और पानी के लिए बर्फ पिघलाते हैं।