पेगासस जासूसी विवाद ने भारत की राजनीति में भूचाल-सा ला दिया है। विपक्ष लगातर केंद्र सरकार पर हमलावर बना हुआ है। तो वहीं, सरकार हर बार विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है। लेकिन यह सियासी हलचल सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने विदेशों में अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है।
इजराइल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज इस सप्ताह पेरिस में अपनी फ्रांसीसी समकक्ष से मुलाकात करेंगे और दोनों इजराइली स्पाइवेयर कंपनी ‘एनएसओ’ पर चर्चा करेंगे। मंगलवार को एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि गैंट्ज बुधवार को फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के साथ बैठक के लिए यात्रा करेंगे। दोनों रक्षा मंत्री लेबनान संकट और विश्व शक्तियों और ईरान के बीच परमाणु वार्ता पर चर्चा करेंगे।
पिछले हफ्ते, एक फ्रांसीसी समाचार पत्र ने अपनी खबर में बताया था कि मोरक्को की सुरक्षा एजेंसी ने संभवतः फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और फ्रांसीसी सरकार के अन्य सदस्यों के सेलफोन को निशाना बनाया था। इस तरह की खबरें सामने आई थी कि इजराइल के एनएसओ समूह का इस्तेमाल संभवत: कई देशों में राजनीतिज्ञों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को लक्षित करने के लिए किया गया है।
मोरक्को की सरकार ने कुछ भी गलत काम करने से इनकार किया है। एनएसओ ने इस बात से इनकार किया है कि मैक्रों को निशाना बनाया गया था। मैक्रों ने संभावित कार्रवाई पर विचार करने के लिए पिछले सप्ताह एक आपात बैठक की थी।