अमेरिका में 20 लाख से अधिक प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें तेज हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक ने कमला हैरिस को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं अब डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन ने भारतीय मूल की निक्की हेली को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर मंच पर उतार कर चुनाव को दिलचस्प बना दिया।
रिपब्लिकन राष्ट्रीय अधिवेशन में डोनाल्ड ट्रंप को 3 नवंबर को होने वाले आम चुनाव में पार्टी की तरफ से आधिकारिक राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। हेली ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन के अभियान की योजनाओं के बारे में बताते हुए उन्हें भविष्य का वामपंथी करार दिया।
उन्होंने ट्रम्प को नस्लवादी बताने वाले आलोचकों को भी जबाव दिया। उन्होंने कहा, “अमेरिका एक नस्लवादी देश नहीं है। मैं भारतीय प्रवासियों की बेटी हूं और मुझे इस पर गर्व है। मेरे माता-पिता ने कभी घृणा नहीं झेली। मैं अश्वेत और श्वेत दुनिया में एक भूरी लड़की थी। अमेरिका एक कहानी है, जिसका काम प्रगति पर चलना है।”
कंवेंशन में रिपब्लिकंस ने कहा कि यदि ट्रम्प नहीं जीतते हैं तो यह अमेरिका के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा। इस मौके पर ट्रम्प को धार्मिक स्वतंत्रता का रक्षक कहा गया। हेली के अलावा आरएनसी में एकमात्र रिपब्लिकन सीनेटर टिम स्कॉट ने भी अपनी बात रखी। इस मौके पर पार्टी के सम्मेलन में अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों के लगातार बढ़ने की बात भी कही गई।
बता दें कि हेली अमेरिकी कैबिनेट में सेवा देने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं। वे 2010 में साउथ कैरोलाइना की गवर्नर चुनी जाने वाली पहली महिला और गैर-श्वेत भी थीं। ऐसी अटकलें भी आईं कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए वे दौड़ में शामिल हो सकती हैं।
इस महीने की शुरूआत में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि वह 2024 के चुनाव के लिए 11 प्रतिशत समर्थन के साथ रिपब्लिकन पार्टी की तीसरी सबसे पसंदीदा उम्मीदवार रहेंगी। वहीं पहले स्थान पर उपराष्ट्रपति माइक पेंस और दूसरे स्थान पर राष्ट्रपति के बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर होंगे।