अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर चीन को दोषी बताया। पोम्पिओ ने कहा कि चीन ने अपने पास उपलब्ध सूचना साझा न कर वैश्विक तथा अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती उत्पन्न की है और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को इसकी कीमत चुकानी होगी।
चीन को कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के अपने तरीके में पारदर्शिता नहीं दिखाने के कारण दुनिया भर के देशों से आलोचना झेलनी पड़ रही है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी 190,870 से अधिक लोगों की जान ले चुकी है। इस बीमारी से अमेरिका में सर्वाधिक करीब 50,000 लोग दम तोड़ चुके हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन उन खबरों को देख रहा है जिनमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस दुनिया में फैलने से पहले वुहान की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से निकला है।
पोम्पिओ ने कहा कि “मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने जो किया उसके लिए उसे कीमत चुकानी होगी, अमेरिका की तरफ से तो निश्चित तौर पर। मुझे नहीं पता कि यह किस रूप में होगा।” हालांकि, उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि फिलहाल ध्यान चीन पर नहीं है बल्कि अमेरिकी प्रशासन का लक्ष्य वायरस को नियंत्रित करना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना है।
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पोम्पिओ ने कहा कि “हमारा ध्यान अमेरिकियों को सुरक्षित रखने, स्वास्थ्य जोखिम को कम करने और लोगों को ज्यादा से ज्यादा सेहतमंद रखने तथा इस अर्थव्यवस्था को पुन: जीवित करने पर है।” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन मुझे पूरा भरोसा है। मैं दुनिया भर के कारोबारी लोगों से बात कर रहा हूं। मैं आम नागरिकों से बात कर रहा हूं, उन लोगों से जिन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में अपनी जान को जोखिम में डाला है। उन्हें पता है कि यह चीन के वुहान से उभरे वायरस का नतीजा है और उन्हें पता है कि चीन सरकार ने वह सब नहीं किया जो उसे करना चाहिए था। इसके लिए कीमत चुकानी होगी।”