अमेरिकी सीनेट की एक समिति ने अंतिम क्षण में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एक रिपब्लिकन सांसद के हस्तक्षेप के बाद माइक पोंपियो के नाम को नए विदेश मंत्री के रूप में मंजूरी दे दी। द वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, समिति का समर्थन पाने के लिए बहुमत हासिल करने में पोंपियो नाकाम साबित होते दिखाई दे रहे थे। लेकिन पोंपियो का विरोध करने की कसम खाने वाले सांसद रैंड पॉल ने सोमवार को मतदान से पहले ट्वीट किया कि ट्रंप ने उनसे बातचीत की और उन्होंने अपना फैसला बदल लिया है।
पॉल ने कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप और निदेशक पोंपियो से आश्वासन मिलने के बाद मैंने अगले विदेश मंत्री के लिए उनकी उम्मीदवारी को समर्थन देने का फैसला किया। पोंपियो राष्ट्रपति के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमत हो गए हैं।’ पॉल की मुख्य चिंता थी कि पोंपियो अफगानिस्तान से सैनिकों को निकालने के ट्रंप के फैसले का समर्थन नहीं करेंगे। पोंपियो फिलहाल केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के निदेशक हैं।
केंटकी के सांसद ने यह भी कहा कि पोंपियो को राष्ट्रपति ट्रंप की उस बात का भी समर्थन करना होगा, जिसमें ट्रंप ने इराक युद्ध को एक गलती करार दिया था। ट्रंप ने पोंपियो को लेकर सांसद के बदले विचार की प्रशंसा की और कहा कि पॉल मुझे कभी निराश नहीं करेंगे, क्योंकि वह एक अच्छे इंसान हैं।
सीनेट की विदेश मामलों की समिति ने पोंपियो के नाम को मंजूरी देने के लिए 11 में से 10 ने वोट दिए। पिछले साल 14 डेमोक्रेट ने सीआईए निदेशक के रूप में पोंपियो के समर्थन में वोट किया था, लेकिन उनमें से कुछ ने पहले ही जिक्र किया था वे विदेश मंत्री के लिए उन्हें समर्थन नहीं देंगे।
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