अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के बारे में वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए अमेरिका विशेषज्ञों की एक टीम चीन भेजना चाहती है। उन्होंने कहा कि वह इस सन्दर्भ में पहले भी चीन से बात कर चुके हैं लेकिन उनके तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है।
वहीं इससे एक दिन पहले ही ट्रम्प ने चीन को चेतावनी जारी कर कहा कि अगर जानबूझकर कोरोना वायरस को दुनिया भर में फैलाने के लिए जिम्मेदार पाया गया तो उसे परिणाम भुगतने होंगे। इस वायरस से अब तक दुनिया भर में 165,000 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें से 41,000 अमेरिकी हैं। रविवार को व्हाइट हाउस के संवाददाता सम्मेलन में कोरोना वायरस को प्लेग बताते हुए ट्रंप ने कहा कि वह चीन से खुश नहीं हैं। पिछले साल दिसंबर में चीन के मध्य शहर वुहान से यह महामारी उभरी थी।
राष्ट्रपति ने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘ हमने चीन से काफी पहले बात की थी कि वह बताए कि वहां क्या हो रहा है। हम वहां जाना चाहते हैं। हम यह देखना चाहते हैं कि वहां क्या चल रहा है। और हमें वहां नहीं बुलाया गया।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘मैं व्यापार वार्ता से बेहद खुश था, बहुत खुश था और फिर हमें इस प्लेग के बारे में पता चला और मैं तब से खुश नहीं हूं।’’
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अमेरिका ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की है कि कहीं यह खतरनाक वायरस वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान से तो बाहर नहीं आया है। ट्रंप बार-बार कोरोना वायरस से निपटने के चीन के तरीकों पर निराशा जाहिर कर चुके हैं। वह यह कह चुके हैं कि इस संकट से निपटने में बीजिंग ने वाशिंगटन के साथ शुरुआत में न तो सहयोग किया और न ही पारदर्शिता बरती। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘ जांच के आधार पर हम पता लगाने जा रहे हैं।’’
बता दें कि एक दिन पहले ही ट्रंप ने चीन को चेतावनी दी थी कि अगर वह इस वायरस को जानबूझकर फैलाने के लिए जिम्मेदार पाया गया तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिका में इस वायरस से सबसे ज्यादा न्यूयॉर्क प्रभावित है और यहां अब तक 17,600 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के 2,42,000 मामले सामने आ चुके हैं।