देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा पर अमेरिकी सांसदों की प्रतिक्रिया सामने आई है। दिल्ली जिस दौरान हिंसा भड़की उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ भारत दौरे पर थे। हिंसा को लेकर अमेरिकी सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने हिंसा पर कहा कि भारत में धार्मिक असहिष्णुता में वृद्धि भयावह है। जयपाल ने ट्वीट किया, ‘‘लोकतांत्रिक देशों को विभाजन और भेदभाव बर्दाशत नहीं करना चाहिए या ऐसे कानून को बढ़ावा नहीं देना चाहिए जो धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया देख रही है।’’
गौरतलब है कि सीएए को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा में 34 लोगों की जान चली गई और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सांसद एलन लोवेन्थाल ने भी हिंसा को ‘नैतिक नेतृत्व की दुखद विफलता’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत में मानवाधिकार पर खतरे के बारे में बोलना चाहिए।’’This deadly surge of religious intolerance in India is horrifying. Democracies should not tolerate division and discrimination, or promote laws that undermine religious freedom. The world is watching. https://t.co/vZNsCfNbUZ
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) February 25, 2020
राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की दावेदार एवं सांसद एलिजाबेथ वारेन ने कहा, ‘‘भारत जैसे लोकतांत्रिक साझेदारों के साथ संबंधों को मजबूत करना अहम है लेकिन हमें मूल्यों पर सच्चाई से बात करनी चाहिए जिनमें धार्मिक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता शामिल है। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा स्वीकार्य नहीं है।’’This is a tragic failure of moral leadership. We must speak out in the face of threats to human rights in India. https://t.co/LW5glpTC1b
— Rep. Alan Lowenthal (@RepLowenthal) February 25, 2020
कांग्रेस सदस्य रशीदा तालिब ने ट्वीट किया ‘‘इस सप्ताह ट्रंप भारत गए लेकिन फिलहाल तो दिल्ली में असली खबर सांप्रदायिक हिंसा होनी चाहिए। इस पर हम चुप नहीं रह सकते।’’ मीडिया ने भी इन घटनाओं को पूरी तवज्जो दी है। वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘ये दंगे विवादित नागरिकता कानून पर महीनों तक चले प्रदर्शनों के बाद चरम पर पहुंचे तनाव को दिखाते हैं। साथ ही यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के समर्थकों और आलोचकों के बीच बढ़ रहे मतभेद को भी दिखाता है।’’It’s important to strengthen relationships with democratic partners like India. But we must be able to speak truthfully about our values, including religious freedom and freedom of expression—and violence against peaceful protestors is never acceptable. https://t.co/UxkFNDI0rP
— Elizabeth Warren (@ewarren) February 26, 2020
वहीं न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप जब भारत की राजधानी की यात्रा पर थे उसी दौरान वहां हुए साम्प्रदायिक दंगों में कम से कम 11 लोग मारे गए।’’ ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग’ ने ट्वीट कर कहा कि नयी दिल्ली में मुसलमानों को निशाना बनाने वाली भयानक भीड़ हिंसा की खबरों से चिंतित है। आयोग ने मोदी सरकार से भीड़ को नियंत्रित करने और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपील की।This week, Trump visited India but the real story should be the communal violence targeting Muslims in Delhi right now. We cannot be silent as this tide of anti-Muslim violence continues across India. https://t.co/4VXFlk5pEg
— Rashida Tlaib (@RashidaTlaib) February 26, 2020