पाकिस्तान के सियासी हलकों में इस वक्त हलचल है। मतलब इमरान सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान को सरकार गिरने का डर सता रहा है।इन सब के बीच पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की जमकर तारीफ की है। खैबर पख्तूनख्वा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि हमारे पड़ोसी की विदेश नीति अपने लोगों के लिए है। भारत क्वाड का सदस्य है लेकिन प्रतिबंधों के बावजूद वह रूस से तेल खरीद रहा है।
पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने कहा…..
रविवार को खैबर पख्तूनख्वा के मलकंद जिले की दरगई तहसील में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने कहा कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर विपक्ष जनता के साथ धोखा कर रहा है। कहा कि वह माफ करने और अपनी पार्टी के बागी सांसदों को वापस लाने के लिए तैयार हैं। बताते चलें कि विपक्ष लगातार दावा करता रहा है कि पीटीआई(इमरान खान की पार्टी) गठबंधन के कई दल उनके साथ संपर्क में हैं, जो अविश्वास प्रस्ताव में इमरान सरकार के खिलाफ वोट देंगे।
इमरान ने अपने राजदूतों पर राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया
पाकिस्तानी लोगों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने अपने राजदूतों पर राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि वे भारत को यह बताने से डरते हैं कि उन्होंने पाकिस्तान से क्या कहा, जैसे यूक्रेन पर रूसी हमले की आलोचना करना। इस जनसभा में चौंकाने वाली बात यह रही कि इमरान खान ने खुले मंच से भारत की तारीफों के पुल बांधे।
सलाम करता हूं भारत कोः इमरान
इमरान खान ने कहा, ‘मैं आज भारत को सलाम करता हूं। उन्होंने हमेशा एक स्वतंत्र विदेश नीति का पालन किया है। आज भारत का अमेरिका के साथ गठबंधन है और वह रूस से तेल भी खरीद रहा है जबकि प्रतिबंध लागू हैं क्योंकि भारत की नीति अपने लोगों के लिए है। इमरान खान ने इस जनसभा में पीटीआई के बागी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा देश समझ जाएगा कि सांसदों ने चोरों के पक्ष में वोट देकर अपना विवेक बेच दिया है।
क्या इमरान रचेंगे इतिहास?
आगामी 2023 को पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं। लेकिन अभी से ही इमरान खान की कुर्सी खतरे में है। पाकिस्तान में विपक्ष एकजुट है, साथ ही इमरान की पार्टी के कई सांसद भी उनके खिलाफ हैं और इन सबके बीच आगामी 25 मार्च को नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो मतदान होगा। सांसदों के गणित में अभी इमरान सरकार अल्पमत में नजर आ रही है।
पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में पाकिस्तान के एक भी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इमरान खान से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा मामले में दोषी ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया था और उसके बाद नवाज शरीफ को इस्तीफा देना पड़ा था।
पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने कहा…..
रविवार को खैबर पख्तूनख्वा के मलकंद जिले की दरगई तहसील में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने कहा कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर विपक्ष जनता के साथ धोखा कर रहा है। कहा कि वह माफ करने और अपनी पार्टी के बागी सांसदों को वापस लाने के लिए तैयार हैं। बताते चलें कि विपक्ष लगातार दावा करता रहा है कि पीटीआई(इमरान खान की पार्टी) गठबंधन के कई दल उनके साथ संपर्क में हैं, जो अविश्वास प्रस्ताव में इमरान सरकार के खिलाफ वोट देंगे।
इमरान ने अपने राजदूतों पर राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया
पाकिस्तानी लोगों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने अपने राजदूतों पर राजनयिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि वे भारत को यह बताने से डरते हैं कि उन्होंने पाकिस्तान से क्या कहा, जैसे यूक्रेन पर रूसी हमले की आलोचना करना। इस जनसभा में चौंकाने वाली बात यह रही कि इमरान खान ने खुले मंच से भारत की तारीफों के पुल बांधे।
सलाम करता हूं भारत कोः इमरान
इमरान खान ने कहा, ‘मैं आज भारत को सलाम करता हूं। उन्होंने हमेशा एक स्वतंत्र विदेश नीति का पालन किया है। आज भारत का अमेरिका के साथ गठबंधन है और वह रूस से तेल भी खरीद रहा है जबकि प्रतिबंध लागू हैं क्योंकि भारत की नीति अपने लोगों के लिए है। इमरान खान ने इस जनसभा में पीटीआई के बागी सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि पूरा देश समझ जाएगा कि सांसदों ने चोरों के पक्ष में वोट देकर अपना विवेक बेच दिया है।
क्या इमरान रचेंगे इतिहास?
आगामी 2023 को पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं। लेकिन अभी से ही इमरान खान की कुर्सी खतरे में है। पाकिस्तान में विपक्ष एकजुट है, साथ ही इमरान की पार्टी के कई सांसद भी उनके खिलाफ हैं और इन सबके बीच आगामी 25 मार्च को नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो मतदान होगा। सांसदों के गणित में अभी इमरान सरकार अल्पमत में नजर आ रही है।
पाकिस्तान के 75 साल के इतिहास में पाकिस्तान के एक भी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इमरान खान से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा मामले में दोषी ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य घोषित कर दिया था और उसके बाद नवाज शरीफ को इस्तीफा देना पड़ा था।