हाल ही में इजराइल के अरब देशों के साथ सम्बन्ध सुधरते नज़र आ रहे है जो पहले कट्टर दुश्मन हुआ करते थे वे आज राजनितिक और कूटनीतिक सम्बन्ध स्थापित करने के लिए राजी हो गए है। इसी सम्बन्ध में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजनयिक कैली क्रॉफ्ट ने अपने एक बयान में कहा है कि संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बाद अब जल्द ही एक अन्य अरब देश इजरायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेगा।
अल अरबिया न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में क्रॉफ्ट ने कहा, ‘‘ हमारी योजना है कि अधिक से अधिक देश इजरायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करें और हम जल्द ही उन देशों के नामों की घोषणा करेंगे।’’ अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘‘ अगले दो दिनों के भीतर एक अन्य देश इजरायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा करेगा। हमें पता है कि कई अन्य देश भी इसका अनुसरण करेंगे।’’
खाड़ी क्षेत्र में ईरान के प्रभुत्व को चुनौती देने के उद्देश्य से अमेरिका चाहता है कि अधिक से अधिक अरब देश इजरायल के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करें।
अमेरिकी राजनयिक ने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से हम चाहते हैं कि इस कड़ी में अगला देश सऊदी अरब हो। लेकिन इसके लिए बेहद जरूरी यह है कि हम इस समझौते पर ध्यान केन्द्रित करें और ईरान को यूएई, बहरीन तथा इजरायल की साख को खराब करने नहीं दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि ईरान के नागरिक यह महसूस करें कि अन्य खाड़ी देशों के लोग शांति चाहते हैं और वह इस प्रक्रिया का हिस्सा भी हैं।’’ इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने एक बयान में कहा था कि यूएई और बहरीन की तरह करीब नौ अन्य देश इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंधों को पूरी तरह से बहाल करने के लिए शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
आपको बता दें कि व्हाइट हाउस में 15 सितंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में इजरायल, बहरीन और यूएई के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
साल 1948 में इजरायल की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से यह चौथा इजरायल-अरब शांति समझौता है। इससे पूर्व इजरायल ने 1979 में मिस्र और 1994 में जॉर्डन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जबकि पिछले माह ही यूएई के साथ शांति समझौता हुआ था।
साल 1948 में इजरायल की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से यह चौथा इजरायल-अरब शांति समझौता है। इससे पूर्व इजरायल ने 1979 में मिस्र और 1994 में जॉर्डन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जबकि पिछले माह ही यूएई के साथ शांति समझौता हुआ था।