भारत के बाद अब नेपाल ने भी चीनी सोशल नेटवर्क प्लटफॉर्म टिक-टॉक को बैन करने का फैसला लिया है। ये फैसला सोमवार को हुई नेपाल की कैबिनेट बैठक में लिया गया है। नेपाल सरकार में संचार मंत्री रेखा शर्मा ने कहा है कि टिकटॉक पर जल्द ही प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, लेकिन इसके फिलहाल कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक,नेपाल सरकार की ओर से यह कदम टिकटॉक पर बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए उठाया गया है। वहीं, गुरुवार को हुई नेपाल की एक कैबिनेट बैठक में फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), टिकटॉक और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइटों के लिए नेपाल में अपने संपर्क कार्यालय खोलना जरूरी कर दिया गया। साथ ही फेसबुक, एक्स, टिकटॉक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों को यूजर्स के लिए 19 'नोट टू डू लिस्ट लिस्ट' बनाने के निर्देश भी दिए हैं।
सरकार का कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बुनियादी अधिकार है, लेकिन समाज के बड़े वर्ग में नफरत फैलाने वाले भाषण की बढ़ती प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए उसने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की आलोचना की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले चार वर्षों में वीडियो-शेयरिंग ऐप पर साइबर अपराध के 1,647 मामले सामने आए हैं।
हालाँकि, नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने सरकार के टिकटॉक बैन के फैसले पर आपत्ति जताई। उन्होंने एक्स पर लिखा, "टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का फैसला गलत है; सरकार को सोशल मीडिया साइट को विनियमित करना चाहिए," आगे उन्होंने लिखा, "सरकार के फैसले को सुधारा जाना चाहिए क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है।"
देखने वाली बाता है कि चीनी नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म के लिए एक और झटका है, जो भारत, अमेरिका, यूरोपीय संघ और यूके समेत दुनिया के कई देशों में जांच के दायरे में आया है, जहां सरकारों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण इसके नेटवर्क से एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें, भारत सरकार ने 29 जून 2020 में 59 चाइनीज ऐप पर बैन लगाया था।