संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान को अनुच्छेद 370 पर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर मुंह की खानी पड़ी है। बता दे कि चीन को छोड़कर अन्य किसी भी देश ने पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर साथ नहीं दिया। खबरों के अनुसार, सुरक्षा परिषद के शेष चार सदस्य ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और अमेरिका चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय स्तर पर कश्मीर मुद्दे को सुलझाएं। समाचार एजेंसी के मुताबिक, कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की गोपनीय बैठक में भारत पर आरोप मढ़ा, लेकिन उसे अन्य देशों का सहयोग नहीं मिला।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इन देशों का पाक को नहीं मिला साथ
यूएनएससी में कुल 15 सदस्य हैं। इनमें 5 स्थाई और 10 अस्थाई हैं. अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल कुछ वर्षों के लिए होता है जबकि स्थाई सदस्य हमेशा के लिए होते हैं। स्थाई सदस्यों में अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं। अस्थाई देशों में बेल्जियम, कोट डीवोएर, डोमिनिक रिपब्लिक, इक्वेटोरियल गुएनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड और साउथ अफ्रीका जैसे देश हैं।
स्थाई सदस्यों में चीन को छोड़ दें तो बाकी के देशों-फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका ने पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया है। इनका स्पष्ट कहना है कि कश्मीर मुद्दा हिंदुस्तान और पाकिस्तान का आंतरिक मसला है। इसलिए दोनों देश मिलकर निपटें, किसी तीसरे पक्ष की इसमें दरकार नहीं।
जानिए ! क्यों हो रही है ये मीटिंग ?
आपको बता दे कि पाकिस्तान ने कश्मीर पर यूएनएससी की आपातकालीन बैठक की मांग की। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन में पाकिस्तान की स्थाई प्रतनिधि मलीहा लोधी के जरिए यूएनएससी के प्रेजिडेंट जोना रॉनेका को चिट्ठी लिखकर इसकी मांग की। वह पिछले शुक्रवार को चीन की राजधानी पेइचिंग पहुंचे थे और चीन से अपील की थी कि वह कश्मीर मुद्दे को यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल में उठाने में पाकिस्तान का साथ दे। चीन ने पाकिस्तान की इसी गुहार पर सिक्यॉरिटी काउंसिल की मीटिंग की मांग की।
PAK के समर्थन में सिर्फ चीन
बता दें कि चीन ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को समर्थन देना शुरू कर दिया है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बाकी पांच देशों ने इसे द्विपक्षीय मामला ही बताया है। यूएनएससी की बैठक खत्म होने के बाद चीनी राजदूत ने कहा कि भारत ने जो संवैधानिक संशोधन किया है उससे मौजूदा स्थिति बदल गई है। चीन ने कहा कि कश्मीर में हालात चिंताजनक हैं।
अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध कर रहा है PAK
भारत ने जब से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया है पाकिस्तान बुरी तरह से बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान ने ही पत्र लिखकर इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चर्चा की मांग की थी। जिसमें चीन उसका साथ दे रहा है।
बैठक में पाकिस्तान को नहीं बुलाया
बैठक बंद दरवाजे की पीछे चली लेकिन इसमें पाकिस्तान को नहीं बुलाया , क्योंकि पाकिस्तान न तो स्थाई सदस्य है और न ही अस्थाई। बंद कमरे की बैठक का प्रसारण नहीं किया गया।
आखिरी बार कब हुई थी ऐसी मीटिंग?
कश्मीर पर सुरक्षा परिषद ने इस तरह की अनौपचारिक मीटिंग आखिरी बार 1971 में बुलाई थी। वहीं, सुरक्षा परिषद की कश्मीर मुद्दे पर आखिरी औपचारिक या पूर्ण बैठक 1965 में हुई थी। ये मीटिंग औपचारिक या पूर्ण बैठक नहीं कहलाएगी, बल्कि यह बंद कमरे की मीटिंग हुई।