Bangladesh Protests: हिंसा के बाद 6700 छात्र वापस भारत लौटे, MEA ने दी जानकारी

Bangladesh Protests: हिंसा के बाद 6700 छात्र वापस भारत लौटे, MEA ने दी जानकारी
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Bangladesh Protests: बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी। यह विरोध प्रदर्शन सरकारी नौकरियों में स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को आरक्षण देने के खिलाफ किया जा रहा है बांग्लादेश में हिंसक झड़पों के मद्देनजर लगभग 6700 भारतीय छात्र वहां से भारत वापस लौट आए हैं। इसकी जानकारी खुद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दी है। उन्होंने कहा, अब तक 6700 भारतीय छात्र बांग्लादेश से वापस आ चुके हैं। बांग्लादेश का करीबी पड़ोसी और मित्र होने के नाते हमें उस देश में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।

हिंसा में करीब 140 की मौत

बता दें, देशव्यापी प्रदर्शन के कारण ढाका सहित अन्य शहरों के विश्वविद्यालयों और सड़कों में पुलिस-छात्रों के बीच जमकर झड़पें हुईं। पुलिस ने इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को रद्द कर दिया था। छात्रों ने वहां के परिवहन व्यवस्था को भी ध्वस्त कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट की मानें, बांग्लादेश में हिंसा के कारण करीब 140 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, पूरे आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी।

बांग्लादेश में धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालात

बांग्लादेश में एक सप्ताह से अधिक समय तक हिंसा के दौर के बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। वहीं, देश में इंटरनेट उपयोग और कार्यालयों के समय को सीमित कर दिया गया। देश के अधिकांश हिस्सों में इंटरनेट शुरू नहीं किया गया। कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी गई, जिसके बाद सड़कों पर हजारों गाड़ियां नजर आईं। बांग्लादेश में बुधवार को कार्यालय और बैंक कुछ घंटों के लिए खोले गए, जबकि अधिकारियों ने ढाका और दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव के कुछ इलाकों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट बहाल कर दिया।

बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को किया खत्म

बांग्लादेश में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प के बाद वहां की सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया। जिसमें विवादास्पद आरक्षण व्यवस्था को खत्म कर दिया और फैसला सुनाया। जिसके अनुसार अब 93 प्रतिशत नौकरियां योग्यता आधारित होंगी जबकि शेष दो प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यकों, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग लोगों के लिए आरक्षित होंगी। इससे पहले 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वालों के रिश्तेदारों के लिए आरक्षित थीं।

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