China के कृषि वैज्ञानिकों की बड़ी कामयाबी, धान की नई किस्म की तैयार

China के कृषि वैज्ञानिकों की बड़ी कामयाबी, धान की नई किस्म की तैयार
Published on

China agricultural research: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश चीन कृषि के क्षेत्र में लगातार नए नए प्रयोग कर रहा है। जिसकी कृषि प्रधान देश चीन की बड़ी आबादी को पर्याप्त भोजन मुहैया कराने में अहम भूमिका है। यहां हम धान की फसल की बात करते हैं, चीन में धान काफी मात्रा में उगाया जाता है।

  • चच्यांग प्रांत में चीनी कृषि वैज्ञानिकों ने किया शोध
  • जीन-एडिटिंग का इस्तेमाल कर तेल से भरपूर धान की एक किस्म की तैयार
  • भविष्य में धान से तेल उत्पादन के प्रति संभावनाओं को बढ़ाएगा शोध

शोध में धान के अलावा मक्का और आलू शामिल
इस बारे में चीनी (China) कृषि वैज्ञानिक कुछ न कुछ नवीन शोध करते रहते हैं। इसी तरह का एक शोध चच्यांग प्रांत में हुआ है। बताया जाता है कि हांगचो की एक कृषि शोध टीम ने जीन-एडिटिंग का इस्तेमाल कर तेल से भरपूर धान की एक किस्म तैयार की है। माना जा रहा है कि इससे स्टार्च आधारित फसलों की तेल उत्पादक क्षमता व्यापक तौर पर बढ़ गयी है। इनमें धान के अलावा मक्का और आलू आदि शामिल हैं। यहां बता दें कि सोयाबीन जैसी नियमित तेल वाली फसलों की तुलना में धान में प्रति किलोग्राम कम तेल उपज के बावजूद, धान का प्रति हेक्टेयर उत्पादन काफी अधिक होता है।

https://www.punjabkesari.com/haryana-news/rajnigandha-flower-farming-complete-information-related-to-cultivation-earning-and-use-of-rajnigandha-flowers-see-report/

ज़मीन के एक ही प्लॉट पर बढ़ सकता है तेल उत्पादन
हाल में चच्यांग प्रांत में हुए शोध टीम के प्रमुख चांग च्यान के मुताबिक, उत्पादन में अंतर का मतलब है कि ऐसी अपरंपरागत तेल फसलों में तेल की सघनता में थोड़ी बढ़ोतरी ज़मीन के एक ही प्लॉट पर तेल के उत्पादन को काफी बढ़ा सकती है। जिसका लाभ व्यापक रूप से देखने में मिल सकता है। चीनी राष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान के चांग च्यान और उनकी टीम ने दक्षिण चीन में व्यापक तौर पर उगाई जाने वाली उच्च उपज की धान की किस्म में वसायुक्त यौगिक, जो कि सभी जीवित कोशिकाओं के लिए बिल्डिंग ब्लॉक का कार्य करते हैं, उसकी सांद्रता को पांच गुना से अधिक बढ़ाने में सफलता हासिल की है, जो कि चीनी वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी सफलता है।

उक्त शोधकर्ताओं के निष्कर्ष हाल में विज्ञान पत्रिका प्लांट कम्युनिकेशंस में प्रकाशित हुए थे। चांग च्यान ने बताया कि सोयाबीन और रेपसीड जैसी पारंपरिक तेल वाली फसलों के विकल्प के तौर पर धान और अन्य मुख्य खाद्य प्रजातियों को प्रस्तावित करने में इस तरह के अनुसंधान क्रांतिकारी साबित हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले अध्ययन मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित थे कि तेल वाली फसलों के लिए लिपिड-संश्लेषण दक्षता में किस तरह से सुधार किया जाय। वैज्ञानिकों के अनुसार तेल और प्रोटीन से भरपूर होने के बावजूद, सोयाबीन का उत्पादन प्रति हेक्टेयर भूमि के लिए लगभग 2 मीट्रिक टन होता है, जो कि आलू और धान जैसी स्टार्च से समृद्ध फसलों के मुकाबले एक तिहाई से भी कम होता है। यह शोध आने वाले समय में चीन (China) में धान से तेल उत्पादन के प्रति संभावनाओं को और बढ़ा देगा।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com