दुनिया के कई देशों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात की मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका और ब्राजील भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त करते नहीं थक रहे। अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप के बाद गुरुवार को ब्राजील के राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।
दरअसल, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना वायरस के संभावित उपचार के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने भारत द्वारा की जा रही मदद की तुलना हनुमान द्वारा लाई गई संजीवनी बूटी से की। बुधवार को राष्ट्रपति बोलसोनारो ने अपने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि “हमारे पास और अच्छे समाचार हैं।
भारत के प्रधानमंत्री से मेरी सीधी बातचीत के मद्देनजर, हमें शनिवार तक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उत्पादन के लिए कच्चा माल प्राप्त हो जाएगा ताकि हम कोविड-19 के साथ साथ लुपस, मलेरिया, गठिया के मरीजों का उपचार कर सकें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं ब्राजील के लोगों को समय पर की गयी इस मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों को धन्यवाद देता हूं।’’ उनके भाषण के मूल पाठ का अंश लैटिन अमेरिकी देश के एक राजनयिक द्वारा उपलब्ध कराया गया।
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गौरतलब है कि मोदी और बोल्सोनारो के बीच चार अप्रैल को टेलीफोन पर बातचीत हुई थी जिसमें ब्राजील के राष्ट्रपति ने मोदी से आग्रह किया था कि वे दवा और इसके कच्चे माल के निर्यात की अनुमति दें। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी को अलग से लिखे एक पत्र में बोल्सोनारो ने इस बात का उल्लेख किया था कि ब्राजील की दो प्रयोगशाला ईएमएस और एस्पेन पिछले कई वर्षो से भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उत्पादन के लिए कच्चे माल का आयात करते हैं और ब्राजील में दवा की आंतरिक आपूर्ति इन दोनों के उत्पादन पर निर्भर है।
बोल्सोनारो ने मोदी से आग्रह किया था कि इस दवा पर प्रतिबंध से पहले दिए गए आर्डर के तहत ब्राजील को इसके कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। गौरतलब है कि भारत ने 25 मार्च को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी।