दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए तमाम देशों की सरकारों ने आम जनता को अपने घरों में रहने की अपील की है। तो वहीं, कई देशों ने लॉकडाउन कर दिया है। हालांकि, जनता भी काफी हद तक सरकार का सहयोग कर रही है। इराक में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने कर्फ्यू लगाया हुआ था, मगर कर्फ्यू को तोड़कर सम्मानित इमाम की याद में हजारों की संख्या में शिया समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे। पैदल चलते हुए लोगों का हजूम बगदाद में इमाम अल खादिम के मकबरे तक पहुंचा।
हालांकि, मकबरे का अंदरूनी हिस्सा बंद रखा गया था, मगर कुछ श्रद्धालुओं ने मकबरे के अंदर जाने के लिए अधिकारियों से जिद की। मकबरे के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर एएफपी से कहा, पिछले साल के मुकाबले इस साल बहुत कम श्रद्धालु आए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई विदेशी श्रद्धालु नहीं आया है। सभी इराकी प्रांतों से आए हैं।
इस पर्व पर दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं और उस पवित्र स्थल को चूमते हैं जिसमें मूसा अल खादिम के अवशेष रखे गए हैं। अब्बासी खलीफा हारून अल रशीद की हिरासत में 799 में मूसा अल खादिम की मौत हो गई थी। पर्व में शामिल होने बहुत से लोग ईरान से आते हैं जो इस समय कोरोना वायरस के खतरे से जूझ रहा है। वायरस के खतरे को देखते हुए इराक ने ईरान जाने और आने पर पिछले महीने प्रतिबंध लगा दिया था।