प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जो मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद उत्पन्न होने के बाद दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर पहली संरचित बैठक है। रूस के कजान में 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को पांच साल में पहली बार औपचारिक वार्ता की।
यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई थी। चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं की 50 मिनट तक बात हुई। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे।
शी जिनपिंग से मुलाक़ात की तस्वीरें एक्स पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''रूस के कज़ान में ब्रिक्स समिट से अलग राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात हुई। दोनों देशों के लोगों के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के साथ स्थिरता के लिए भारत-चीन संबंध अहम है। आपसी भरोसा, आदर और संवेदनशीलता ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को राह दिखाएंगे।'' प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन संबंधों को क्षेत्रीय व वैश्विक शांति तथा स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे बाउंड्री रिलेटेड मेटर का असर हम शांति और स्थिरता पर नहीं पड़ने देना चाहते। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत-चीन के स्पेशल रिप्रजेंटिव ने क्रूशियल रोल अदा किया बाउंड्री के सवाल पर। उन्होंने स्पेशल रिप्रजेंटेटिव से फिर जल्दी मिलने को कहा है। भारत की तरफ से स्पेशल रिप्रजेंटेटिव एनएसए अजीत डोभाल हैं।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों पक्षों के लिए अधिक संचार और सहयोग करना, हमारे मतभेदों और असहमतियों को उचित रूप से संभालना और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने में सुविधा प्रदान करना महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों के लिए हमारी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाना, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ावा देने के लिए एक उदाहरण स्थापित करना और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में बहु-ध्रुवीकरण और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में योगदान देना भी महत्वपूर्ण है।
नवंबर 2022 में, मोदी और शी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक-दूसरे का अभिवादन किया और संक्षिप्त बातचीत की थी। पिछले वर्ष अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में एक संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी।